आतंकियों के लिए स्लीपर सेल बन रहा है झारखंड! युवाओं को गुमराह कर आतंकी संगठन में शामिल करा रहे सक्रिय सदस्य

By एस पी सिन्हा | Updated: May 5, 2025 14:30 IST2025-05-05T14:28:53+5:302025-05-05T14:30:51+5:30

Jharkhand:इसके बाद एटीएस की टीम ने साल 2024 में ही गोड्डा और हजारीबाग से एक-एक युवक को आईएसआईएस की विचारधारा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था

Jharkhand Active members are misleading the youth and making them join terrorist organizations | आतंकियों के लिए स्लीपर सेल बन रहा है झारखंड! युवाओं को गुमराह कर आतंकी संगठन में शामिल करा रहे सक्रिय सदस्य

आतंकियों के लिए स्लीपर सेल बन रहा है झारखंड! युवाओं को गुमराह कर आतंकी संगठन में शामिल करा रहे सक्रिय सदस्य

Jharkhand:झारखंड क्या आतंकियों के लिए स्लीपर सेल बनता जा रहा है? यह सवाल इसलिए उठने लगा है क्योंकि पिछले दिनों झारखंड की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड(एटीएस) ने बीते 26 अप्रैल को धनबाद के 15 ठिकानों पर छापेमारी कर प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर के झारखंड मॉड्यूल से जुड़ने के आरोप में छह संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से चार आतंकी जिले के बैंक मोड़ थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं, जबकि एक भूली ओपी क्षेत्र का निवासी है। इनकी गिरफ्तारी के बाद इस बात का खुलासा हुआ कि ये आतंकी सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को गुमराह कर आतंकी संगठन के साथ जोड़ते थे। 

साथ ही सभी आतंकी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में भी शामिल थे। सभी सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से लोगों को गुमराह कर रहे थे। ऐसे में आशंका है कि आतंकी संगठन झारखंड का प्रयोग स्लीपर सेल बनाने के लिए कर रहे हैं ताकि ये संगठन सुरक्षित रूप से अपना नेटवर्क बढ़ाकर समय आने पर इन स्लीपर सेल्स का इस्तेमाल कर सकें। पुलिस सूत्रों की मानें तो झारखंड में बड़े पैमाने पर स्लीपर सेल आतंक की रणनीति बना रहे हैं, जो कहीं न कहीं किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में हैं।

हालांकि तमाम स्लीपर सेल एटीएस के रडार पर है। जिनमें से कई लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। अल कायदा इंडियन सब के 15 और संदिग्ध एटीएस रडार पर हैं। बता दें कि साल 2024 के आखिर में दिल्ली स्पेशल टीम और एटीएस में एक साथ कई राज्यों में छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान इंडियन सबकॉन्टिनेंट मॉड्यूल से कनेक्शन रखने वाले कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।

जिसमें ज्यादातर लोग झारखंड से थे। उनमें से एक नाम चान्हो निवासी शाहबाज का था जो राजस्थान से फरार चल रहा। लेकिन टेक्निकल सर्विलांस के जरिए एटीएस को इसमें भी कामयाबी मिली और बीते दिनों शाहबाज को लोहरदगा जिले से गिरफ्तार कर लिया गया।

एटीएस के एसपी ऋषभ झा ने कहा कि शाहबाज झारखंड का रहने वाला है। वो कई महीनों से फरार चल रहा था, लेकिन वह लातेहार इलाके में राजमिस्त्री के तौर पर अपनी पहचान छुपा कर काम कर रहा था जिसे स्लीपर सेल कहना गलत नहीं होगा। झा ने बताया कि झारखंड के कई लोगों का अलकायदा के इंडियन सबकॉटिनेंट मॉड्यूल से कनेक्शन के लिंक्स मिल रहे हैं और अब तक मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है, जबकि मामले में 15 अन्य एटीएस के रडार पर हैं। 

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी दिल्ली पुलिस की एटीएस ने साल 2024 में झारखंड से आतंकी संगठन से जुड़े संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इस दौरान रांची के डॉक्टर इश्तियाक सहित चार लोगों को अल कायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट आतंकी संगठन से जुड़े होने के आरोप में 2024 को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद एटीएस की टीम ने साल 2024 में ही गोड्डा और हजारीबाग से एक-एक युवक को आईएसआईएस की विचारधारा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके अलावा 2025 के शुरुआत में भी एनआईए की टीम ने लोहरदगा से एक युवक को गिरफ्तारी किया था।

एनआईए ने आईएसआईएस का आतंकी होने के आरोप में छापेमारी कर फैजान अंसारी को गिरफ्तारी किया था। साथ ही जनवरी 2025 में दिल्ली पुलिस ने एटीएस की मदद से लोहरदगा में छापेमारी की थी। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने अलकायदा मॉड्यूल के संदिग्ध आतंकी शहवाज अंसारी को गिरफ्तार किया, जो चान्हो का रहने वाला है। पिछले कुछ समय में कई बार झारखंड से आतंकी संगठन का कनेक्शन सामने आ रहा है।

Web Title: Jharkhand Active members are misleading the youth and making them join terrorist organizations

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे