झारखंड: खूंटी में BJP एमपी करिया मुंडा के आवास से अपहृत तीन पुलिसकर्मियों की हुई रिहाई
By एस पी सिन्हा | Published: June 29, 2018 02:04 PM2018-06-29T14:04:43+5:302018-06-29T14:04:43+5:30
झारखंड के खूंटी जिले में भाजपा सांसद और पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष करिया मुंडा के आवास से पत्थलगढी समर्थकों द्वारा अपहृत तीनों सुरक्षाकर्मियों को पुलिस ने आज सुबह रिहा करा दिया है। वहीं, पत्थलगढी समर्थकों द्वारा छुट्टी से लौट रहे बंधक बनाए गए चौथे जवान की भी सकुशल रिहाई हो गई है।
रांची,29 जून: झारखंड के खूंटी जिले में भाजपा सांसद और पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष करिया मुंडा के आवास से पत्थलगढी समर्थकों द्वारा अपहृत तीनों सुरक्षाकर्मियों को पुलिस ने आज सुबह रिहा करा दिया है। वहीं, पत्थलगढी समर्थकों द्वारा छुट्टी से लौट रहे बंधक बनाए गए चौथे जवान की भी सकुशल रिहाई हो गई है। खूंटी के एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अपहृत जवानों को आज सुबह मुरहू थाना क्षेत्र से रिहा कर दिया गया। बता दें कि जवानों को सैको थाना में रखा गया था। इन्हें आज तडके खूंटी के पुटीगढा गांव में ऑपरेशन चलाकर मुक्त कराया गया।
बताया जा रहा है कि जवानों के हथियार उनके पास नहीं हैं। हालांकि इस घटना के बारे में जानकारी ली जा रही है। जवानों की मेडिकल जांच कराई जाएगी। उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया के सामने लाया जाएगा। बता दें कि बीते मंगलवार को खूंटी के अनिगडा गांव स्थित सांसद कडिया मुंडा के घर से तीनों जवानों को पत्थलगडी समर्थकों ने अगवा कर लिया था। तीनों जवान सांसद के घर सुरक्षा ड्यूटी में तैनात थे। करीब दौ सौ पत्थलगडी समर्थक वहां पहुंचे और जवानों को अगवा कर घाघरा गांव लेकर चले गये थे। प्रशासन को जब इसकी सूचना मिली तो खूंटी से लेकर रांची तक हंगामा मच गया।
ऐसे हुआ ऑपरेशन-
खूंटी डीसी-एसपी के नेतृत्व में पुलिस की टीम मंगलवार शाम घाघरा गांव पहुंची और जवानों की रिहाई की कोशिश करने लगी। लेकिन पत्थलगडी समर्थक रिहा करने के मूड में नहीं थे. दूसरे दिन बुधवार को अतिरिक्त पुलिस बल के साथ रैफ के जवानों को उतारा गया और बल का इस्तेमाल करते हुए घाघरा गांव में प्रवेश किया गया। इस दौरान झड़प में एक शख्स की मौत भी हो गई थी। घाघरा गांव के एक-एक घर को तलाशा गया लेकिन जवान नहीं मिले। बुधवार से लेकर गुरूवार तक में पत्थलगडी समर्थकों के घाघरा, उदबुरू गांव समेत 10 गावों को खंगाला गया। जानकारी के मुताबिक पुलिस को गुरुवार देर रात सफलता मिली. तीनों अगवा जवानों को सैको थाना इलाके से रिहा करा लिया गया।
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आइजी (ऑपरेशन) आशीष बत्रा ने बताया कि आज तडके चार बजे के आसपास सूचना मिली कि खूंटी के ही पुटीगढा गांव में तीनों जवानों को रखा गया है। इसके बाद आइजी, डीआइजी और एसपी सहित भारी संख्या में फोर्स गांव में पहुंची। पुलिस को देख पत्थलगडी समर्थक भाग खडे हुए। यहां से तीनों जवानों को सकुशल मुक्त करा लिया गया। मुक्त कराये गये जवानों के नाम सुबोध कुजूर, विनोद केरकेट्टा व सुयोन सुरीन हैं। सभी कडिया मुंडा के हाउस गार्ड हैं. अपहरण के बाद से इनका कोई सुराग नहीं मिल रहा था। झारखंड पुलिस के जवान तीन दिन से खूंटी के जंगलों की खाक छान रहे थे। इससे पहले, आइजी नवीन कुमार सिंह ने बताया कि इन तीन जवानों को मुक्त कराने के लिए झारखंड पुलिस के 500 से ज्यादा जवान जंगलों की खाक छान रहे थे।
गुरुवार की शाम पुलिस को अचानक सूचना मिली की खूंटी से करीब 25 किलोमीटर दूर जंगल में स्थित एक स्कूल भवन में तीनों जवानों को रखा गया है। डीआइजी एवी होमकर के साथ आइजी खुद करीब 200 जवानों के साथ मुरहू थाना क्षेत्र के गुटियारा गांव पहुंचे और स्कूल को घेर लिया। सर्च ऑपरेशन चलाया गया लेकिन जवान नहीं मिल। पुलिस के पहुंचने से पहले ही तीनों जवानों से अन्यत्र शिफ्ट कर दिया गया था। पुलिस खाली हाथ लौट आई लेकिन जवानों की तलाश नहीं थमी। लगातार सर्च ऑपरेशन चलता रहा। खूंटी के सीमावर्ती इलाकों की नाकेबंदी कर दी गई थी।
मालूम हो कि तीन जवानों की तलाश में पुलिस तीन दिन से जंगलों की खाक छान रही थी। मुख्यमंत्री रघुवर दास को खुद बयान देना पडा कि ग्रामीण अपनी समस्या पुलिस और प्रशासन के समक्ष रखें। दिक्कत है तो वे बात करें। यदि व्यवस्था को चुनौती देंगे तो पुलिस अपने जवानों को पाताल से भी ढूंढ निकालेगी और अंतत: पुलिस ने अपने साथियों को मुक्त कराने में सफलता हासिल कर ही ली। 50 घंटे से ज्यादा के दिन-रात के ऑपरेशन के बाद अगवा जवानों को रिहा कराया जा सका, लेकिन इनकी रिहाई सरकार और प्रशासन के लिए आसान नहीं रही।
खूंटी से लेकर रांची तक आलाधिकारियों की नींद उड रही और प्रशासन की एक बडी फौज को इस ऑपरेशन में लगाना पडा। 22 सौ से ज्यादा जवान, 350 से ज्यादा अधिकारी और रेपिड एक्शन फोर्स की चार कंपनियां दिन-रात गांव के गांव, घर के घर खंगालती रही। तब जाकर अगवा जवान रिहा हो पाए हैं। मंगलवार से लेकर गुरुवार देर रात रिहाई होने तक प्रशासन की टीम ने पत्थलगडी समर्थकों के दस से ज्यादा गांवों में एक-एक घर की तलाशी ली।
पत्थलगडी समर्थकों से मुकाबला भी किया। झडप हुई, लाठीचार्ज हुए, लेकिन जवानों ने हिम्मत नहीं हारी। दिन-रात सर्च ऑपरेशन जारी रखा। जवानों के साथ खूंटी के डीसी-एसपी भी मौके पर डटे रहे। रांची रेंज के डीआईजी और आईजी नवीन कुमार सिंह ऑपरेशन पर नजर बनाये रखा। सर्च ऑपरेशन में शामिल एक जवान ने अगवा जवानों की रिहाई पर खुशी जताते हुए कहा कि पिछले दो दिन से हमलोग परेशान थे। चिंता थी कि साथी जवानों की सकुशल रिहाई हो पाएगी या नहीं, लेकिन अब जाकर ये चिंता दूर हुई है। जिस सैको थाने में रिहाई के बाद जवानों को रखा गया है वहां तैनात एक सुरक्षाकर्मी का कहना है कि घटना पर जवान से लेकर अधिकारी तक परेशान थे, लेकिन अब जाकर सबके चेहरे पर खुशी लौटी है। अगवा जवानों के परिवारवालों को भी राहत मिली है।