जेडीयू के प्रशांत किशोर ने CAA और NRC पर साधा निशाना, कहा- बिना राज्यों के सहयोग के लागू नहीं हो सकता

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 20, 2019 11:08 IST2019-12-20T11:08:43+5:302019-12-20T11:08:43+5:30

अगर राज्यों ने एनआरसी की अनुमति नहीं दी तो? कुछ लोगों का कहना है कि सेक्शन 356 का इस्तेमाल करके सरकार को बर्खास्त किया जा सकता है। अगर 6 महीने बाद चुनाव में फिर वही सरकार बन गई तब क्या? क्या हम सरकार को लगातार बर्खास्त करते रहेंगे।

JDU's Prashant Kishor targets CAA and NRC, says- cannot apply without states' cooperation | जेडीयू के प्रशांत किशोर ने CAA और NRC पर साधा निशाना, कहा- बिना राज्यों के सहयोग के लागू नहीं हो सकता

जेडीयू के प्रशांत किशोर ने CAA और NRC पर साधा निशाना, कहा- बिना राज्यों के सहयोग के लागू नहीं हो सकता

Highlightsकिशोर ने नागरिकता कानून का उनकी पार्टी द्वारा समर्थन किए जाने की सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि बिना राज्यों के सहयोग के एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून लागू नहीं हो सकता। 

राजनीतिक रणनीतिकार एवं जद(यू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर रविवार को एक बार फिर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे देश में एनआरसी लागू करना नागरिकता की नोटबंदी के समान है। हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित प्रशांत किशोर के साक्षात्कार के मुताबिक उन्होंने कहा कि बिना राज्यों के सहयोग के एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून लागू नहीं हो सकता। 

प्रशांत किशोर ने कहा कि जेडीयू भले ही एनडीए का हिस्सा है लेकिन इतिहास गवाह है। कई अहम मुद्दों पर जेडीयू और बीजेपी ने अलग-अलग स्टैंड लिया है। उन्होंने कहा कि आप किसी ऐसी चीज़ का समर्थन कैसे कर सकते हो जो भेदभाव की नींव पर रखा गया हो।

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिना राज्य सरकार के सहयोग के एनआरसी और सीएए लागू नहीं किया जा सकता। अगर राज्यों ने एनआरसी की अनुमति नहीं दी तो? कुछ लोगों का कहना है कि सेक्शन 356 का इस्तेमाल करके सरकार को बर्खास्त किया जा सकता है। अगर 6 महीने बाद चुनाव में फिर वही सरकार बन गई तब क्या? क्या हम सरकार को लगातार बर्खास्त करते रहेंगे। इसलिए व्यावहारिक तौर पर बिना राज्यों को शामिल किए ये संभव नहीं है। 

गौरतलब है कि किशोर ने नागरिकता कानून का उनकी पार्टी द्वारा समर्थन किए जाने की सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी। किशोर ने कहा था कि संशोधित नागरिकता कानून “बड़ी चिंता की बात नहीं है” लेकिन यह प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के साथ मिलकर समस्या बन सकता है। 

Web Title: JDU's Prashant Kishor targets CAA and NRC, says- cannot apply without states' cooperation

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