पटना: जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके आरसीपी सिंह की मुश्कलें बढ़ने वाली हैं। जदयू ने भेजा अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष को पार्टी में रहते हुए अकूत संपत्ति जुटाने के आरोप में कारण बताओ नोटिस भेजा है। आरसीपी सिंह पर साल 2013-2022 के दौरान नालंदा जिले के दो प्रखंडों अस्थावां और इस्लामपुर में 40 बीघा जमीन खरीदने का आरोप है। आरसीपी सिंह पर जमीन दान में लेने का आरोप भी है। आरसीपी सिंह को भेजे गए पत्र में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरोप लगाया है कि पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने अपनी पत्नी के नाम से हेरफेर कर जमीन खरीदी और इस बात को छिपाए रखा। आरसीपी सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अपनी इस संपत्ति का ब्यौरा चुनावी हलफनामें में भी नहीं दिया। पार्टी ने इसे नीतिश कुमार की भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनाई गई जीरो टॉलरेंस की नीति के खिलाफ माना है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया है, "नालन्दा जिला जनता दल (यू०) के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है। जिसमें यह उल्लेख है कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति निबंधित कराया गया है। जिसमें कई प्रकार की अनियमितताएँ दृष्टिगोचर होती है। आप लंबे समय से दल के सर्वमान्य नेता श्री नीतीश कुमार जी के साथ अधिकारी एवं राजनीतिक कार्यकर्त्ता के रूप में काम करते रहे हैं। आपको माननीय नेता ने दो बार राज्यसभा का सदस्य, पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव (संगठन), राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा केन्द्र में मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर पूर्ण विश्वास एवं भरोसा के साथ दिया। आप इस तथ्य से भी अवगत हैं कि माननीय नेता भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेन्स पर काम करते रहे हैं और इतने लम्बे सार्वजनिक जीवन के बावजूद नेता (नीतिश कुमार) पर कभी कोई दाग नहीं लगा और न उन्होंने कोई संपत्ति बनायी। निदेशानुसार पार्टी आपसे अपेक्षा करती है कि परिवाद के बिन्दुओं पर बिन्दुवार अपनी स्पष्ट राय से पार्टी को तत्काल अवगत करायेंगे।"
बता दें कि यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी रहे आरसीपी सिंह कभी नीतिश कुमार के बेहद करीबी माने जाते थे। आरसीपी सिंह जेडीयू के कोटे से दो बार राज्ससभा भेजे गए और केंद्र में मंत्री भी रहे। बताया जाता है कि नीतिश कुमार से आरसीपी सिंह के संबंध बाद में खराब हो गए। पार्टी ने इस बार आरसीपी सिंह की जगह खीरू महतो को राज्यसभा भेजा।