नई दिल्ली: भाजपा नीत केंद्र सरकार में मंत्री और एनडीए गठबंधन के सहयोगी दल के नेता जयंत चौधरी ने रविवार को योगी सरकार के उस फैसले को समझ से परे बताया, जिसमें कांवर यात्रा के दौरान फल विक्रेता और भोजनालय मालिकों को अपने नाम की नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि ये फैसला समझ से परे है, जिसमें राज्यमार्ग पर स्थित ढाबे वालों को अपना नाम बताना पड़ेगा कि वो किस धर्म के हैं।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "यह बहुत सोचा-समझा और तर्कसंगत फैसला नहीं लगता। किसी भी फैसले से भावनाओं को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।" समाज की भलाई और समाज में जो लोग कांवर यात्रा पर जाते हैं और जो लोग उनकी सेवा करते हैं, यह परंपरा शुरू से ही रही है और किसी ने भी यह नहीं देखा कि उनकी सेवा कौन कर रहा है।''
इससे पहले योग गुरु बाबा रामदेव ने कांवर यात्रा के मार्ग पर भोजनालय के बाहर मालिक का नाम प्रदर्शित करने के यूपी सरकार के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्ति की थी, जिसमें उन्होंने समर्थन किया। बाबा ने कहा कि किसी को भी अपनी पहचान उजागर करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हर किसी को अपने नाम पर गर्व होना चाहिए।
योग गुरु ने पूछा कि अगर रामदेव को अपनी पहचान उजागर करने में कोई दिक्कत नहीं है तो रहमान को दिक्कत क्यों होनी चाहिए। आदेश का समर्थन करते हुए रामदेव ने कहा कि अगर कोई शुद्द है तो धर्म कोई मायने नहीं रखता। योग गुरु रामदेव ने मीडिया से कहा, अगर रामदेव को अपनी पहचना बताने में कोई दिक्कत नहीं है तो रहमान को अपनी पहचान बताने में दिक्कत क्यों होनी चाहिए?