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जयललिता मौतः सार्वजनिक की जाएगी जांच पैनल की 590 पन्नों की रिपोर्ट, सिफारिशों के आधार पर होगी कार्रवाई

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 2, 2022 12:23 IST

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार रिपोर्ट 22 सितंबर, 2016 को उनके (जयललिता) अस्पताल में भर्ती होने और पांच दिसंबर को उनकी मृत्यु तक उन्हें प्रदान की गयी चिकित्सा सुविधा सहित विभिन्न पहलुओं पर है।

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ठळक मुद्दे जयललिता की मौत की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति ए.अरुमुघसामी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। इसे राज्य विधानसभा के पटल पर रखने का फैसला लिया गया है। 22 सितंबर, 2016 को जयललिता को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और पांच दिसंबर को उनकी मृत्यु हो गई थी

कोयंबटूरः तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत मामले में जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाएगा। गौरतलब है कि जयललिता की मौत मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति ए. अरुमुघसामी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति का गठन किया गया था।

स्टालिन ने इसकी जानकारी पार्टी के वरिष्ठ नेता की पोती की शादी समारोह में शामिल होने के बाद दी। मीडिया से मुखातिब होने के बाद उन्होंने कहा कि जांच पैनल की रिपोर्ट को राज्य विधानसभा में पेश किया जाएगा और इसकी सिफारिशों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने बताया कि जयललिता की मौत की जांच पैनल की रिपोर्ट के साथ-साथ 18 मई, 2018 को पुलिस फायरिंग की घटना की जांच के लिए गठित न्यायमूर्ति अरुणा जगदीशन आयोग की रिपोर्ट पर भी हाल ही कैबिनेट की बैठक में चर्चा हुई थी। इस घटना में स्टरलाइट कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 13 लोग मारे गए थे। इसे राज्य विधानसभा के पटल पर रखने का फैसला लिया गया है। 

तमिलनाडु सीएम ने बताया कि अरुमुघसामी आयोग ने जयललिता की विश्वासपात्र वी.के. शशिकला सहित अन्य के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है और इस मामले पर कानूनी विशेषज्ञों से चर्चा की जाएगी। 

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार रिपोर्ट 22 सितंबर, 2016 को उनके (जयललिता) अस्पताल में भर्ती होने और पांच दिसंबर को उनकी मृत्यु तक उन्हें प्रदान की गयी चिकित्सा सुविधा सहित विभिन्न पहलुओं पर है। दो महीने तक उनका इलाज चला था। उस दौरान ये कहा गया था कि उनके इलाज में लापरवाही बरती गई, जिसके चलते उनका निधन हो गया। जस्टिस ए अरुमुघसामी ने स्टालिन को कुछ दिन पहले ही रिपोर्ट सौंपी थी।

उन्होंने कहा, 'मंत्रिमंडल ने आयोग की ओर से वीके शशिकला, डॉक्टर शिवकुमार, तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर और पूर्व मुख्य सचिव राममोहना राव के खिलाफ जांच करवाने और इनके खिलाफ उचित कार्रवाई करने संबंधि आयोग कि रिपोर्ट पर कानूनी विशेषज्ञों की राय लेने का फैसला किया है। इसके बाद इसे तमिलनाडु विधानसभा के समक्ष प्रस्तु किया जाएगा।' स्टालिन ने कहा कि द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम की रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं को एक हजार रुपये की मासिक नकद सहायता देने की शुरुआत जल्द की जाएगी।

टॅग्स :J JayalalithaaMK Stalin
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