WATCH: 'देश का पीएम कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो....', दिल्ली में पार्टी दफ्तर के बाहर जेडीयू कार्यकर्ता ने लगाए नारे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 29, 2023 03:31 PM2023-12-29T15:31:11+5:302023-12-29T15:33:06+5:30
पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और नीतीश कुमार को अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव रखा, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शुक्रवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जनता दल (यूनाइटेड) का अध्यक्ष चुना गया। नीतीश कुमार ने पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का प्रस्ताव स्वीकार किया। इस खुशी में दिल्ली स्थित पार्टी दफ्तर के बाहर जनता दल यूनाइटेड के कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया और 'देश का प्रधानमंत्री कैसा हो?' 'नीतीश कुमार जैसा हो' के नारे भी लगाए। पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और नीतीश कुमार को अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव रखा, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
सिंह ने यहां बंद कमरे में हुई कार्यकारिणी बैठक में अध्यक्ष पद छोड़ दिया और कुमार के नाम का प्रस्ताव करते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पार्टी को उनके नेतृत्व की आवश्यकता होगी, जबकि वह खुद अपना चुनाव लड़ने में व्यस्त होंगे। वह वर्तमान में लोकसभा में मुंगेर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
#WATCH | Janta Dal United workers celebrate and raise slogans 'Desh ka Pradhan Mantri kaisa ho? Nitish Kumar jaisa ho' outside the party office in Delhi as Bihar CM Nitish Kumar accepts the proposal to become the national president of the party. pic.twitter.com/mKeP5eWIVb
— ANI (@ANI) December 29, 2023
पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक आज होने वाली है जिसमें अध्यक्ष पद सहित कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए फैसलों का अनुमोदन किए जाने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि पार्टी के भीतर अधिकांश प्रमुख नेताओं का मानना था कि कुमार को 2024 में लोकसभा चुनावों से पहले इस महत्वपूर्ण समय में संगठन की कमान संभालनी चाहिए।
पार्टी विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा है। सूत्रों ने बताया कि कुमार के साथ हाल में हुई बातचीत में पार्टी के भीतर कई नेताओं ने सिंह की नेतृत्व शैली की आलोचना की थी। सूत्रों ने बताया कि कुमार ने कार्यकारिणी की बैठक में कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से पार्टी अध्यक्ष का पद संभालने के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों के फैसले का पालन करेंगे।
सदस्यों ने हाथ उठाकर नीतीश के अध्यक्ष बनने का समर्थन किया। पार्टी के कई उत्साही सदस्यों ने अपने नेता को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करते हुए कार्यक्रम स्थल पर नारे भी लगाए। बैठक में जिन प्रस्तावों पर चर्चा की गई, उनमें जातिगत जनगणना को आगे बढ़ाने और बिहार में 'जाति सर्वेक्षण' कराने के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व की सराहना भी शामिल थी।
इसके कारण राज्य सरकार ने आरक्षण को मौजूदा 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया। अब हर पार्टी इसका समर्थन कर रही है। गठबंधन में अपने सबसे प्रतिष्ठित नेता को औपचारिक भूमिका नहीं दिए जाने को लेकर इंडिया गठबंधन के प्रमुख घटक दलों से जद (यू) की कथित नाखुशी के बीच एक प्रस्ताव किया गया जिसमें विभिन्न विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ एक साथ लाने के लिए उनकी भूमिका की सराहना की गई।
पार्टी महासचिव धनंजय सिंह ने कहा कि कुमार ने ही स्पष्ट किया था कि कांग्रेस के बिना विपक्षी गठबंधन नहीं हो सकता जबकि भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के चंद्रशेखर राव सहित कुछ क्षेत्रीय दलों ने कांग्रेस से इतर विभिन्न गैर-भाजपा दलों के मोर्चे पर काम करने का विचार पेश किया था। कार्यकारिणी ने हाल के शीतकालीन सत्र के दौरान संसद से 146 विपक्षी सांसदों के निलंबन की भी निंदा की।
कुमार ने बैठक में कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों को अलग-अलग भूमिकाएं दी जाएं। सिंह ने बृहस्पतिवार को जदयू अध्यक्ष पद छोड़ने और पार्टी के भीतर किसी भी तरह के मतभेद की खबरों को खारिज कर दिया था।
खबर भाषा इनपुट के साथ