All Eyes on Reasi: जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा कर्मियों ने लश्कर-ए-तैयबा के उन तीन आतंकियों को खोजने का प्रयास शुरू कर दिया है, जिन्होंने बीते रविवार को हिंदू तीर्थयात्रियों से जा रही बस को रियासी जिले में अपनी बंदूकों से निशाना बनाया था। घटित हुए हादसे में कुल 10 लोगों की जान चली गई, इसमें दो साल का एक बच्चा भी था और उसकी भी मृत्यु हो गई, जबकि 33 लोग बुरी तरह से घायल हो गए और सभी का उपचार जारी है।
बस तीर्थस्थल शिव खौरी से कटरा, वैष्णो देवी मंदिर की ओर लौट रही थी, तभी रियासी क्षेत्र में तीन विदेशी हमलावरों ने बस पर धारधार हथियारों से हमला कर दिया। ड्राइवर को टक्कर लगने के बाद बस ने अपने संतुलन खोते हुए गहरी खाई में जा गिरी। अब इस मौके पर मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि आतंकवादियों ने अधिकतम नुकसान पहुंचाने के लिए क्षतिग्रस्त बस पर गोलीबारी भी की।
कैसे बस खाई में जा गिरी..बस हमले में जीवित बचे लोगों ने कहा कि आतंकवादियों को वाहन पर गोलीबारी बंद करने के लिए उन्होंने मरने का नाटक किया। तीर्थयात्री संतोष कुमार वर्मा जो यूपी के बलरामपुर जिले के रहने वाले हैं, उन्होंने देखा कि आतंकियों ने बस को आगे जाने से रोक दिया और इसके आगे उन्हें लगा अब वो जिंदा नहीं बच सकेंगे। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ड्राइवर सिर बस के स्टीयरिंग व्हील गिरा हुआ देखा था। इसी के बाद बस अचानक से कंट्रोल खोते हुए खाई में गिर जाती है।
चश्मदीदों ने बताई आपबीतीसंतोष के अलावा दूसरे चश्मदीद ने बताया कि वे जमीन पर बिना कोई हलचल किए जमीन पर लेट गए। हमनें मरने का तब तक नाटक किया, जब तक आतंकवादी वहां से निकल नहीं गए। वहीं, रजत राम वर्मा ने कहा कि हमले में उन्होंने अपना 14 साल का बेटा खो दिया। उन्होंने बताया कि अचानक से कुछ लोग रोने लगे, तभी आतंकियों ने फिर से हमला करना शुरू कर दिया। इसके बाद मैंने अपनी पत्नी को धकेला और लड़के को सीट के अंदर किया, लेकिन जब तक हमें कवर मिल पाता, तब तक बस खाई में जा गिरी और मेरे हाथ से बेटे का हाथ छूठ गया। कटरा, वैष्णो देवी मंदिर में उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के तीर्थयात्री सवार थे।
मृतकों की पहचान..मृतकों में दो वर्षीय टीटू साहनी और उसकी मां पूजा, बस चालक और कंडक्टर शामिल हैं। नौ मृतकों में से पांच को गोली लगी थी। 41 घायलों में से 10 को गोली लगी है।
आतंकियों को ढेर करने के लिए पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की 11 टीमें संयुक्त रूप से दो अलग-अलग छोर पर काम कर रही हैं। अधिकारियों ने घटनास्थल पर किसी चौथे व्यक्ति के मौजूद होने की संभावना से इनकार नहीं किया है, जिसने आतंकवादियों की तलाश में काम किया था। इस हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन के एक समूह, द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने शुरू में ली, लेकिन बाद में अपना बयान वापस ले लिया।