जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के विधानसभा भंग किए जाने के फैसले के बाद सियासी घमासान मच गया है। गुरुवार सुबह बीजेपी नेता राम माधव ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी पर बड़ा बयान दिया, जिसके बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और राम माधव के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। राम माधव के बयान पर पलटवार करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि हमने देश के लिए क्या किया ये साबित करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा राम माधव को जनता की अदालत में सबूत लेकर आना चाहिए। आरोप लगाकर भाग जाना बुजदिली है।
इससे पहले राम माधव बोले कि पीडीपी-एनसी ने पिछले महीने निकाय चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया था, वो आदेश भी उन्हें बॉर्डर के पार से आया था। ऐसा लगता है कि राज्य में सरकार बनाने को लेकर उन्हें नए आदेश मिले होंगे। इसी कारण राज्यपाल को ये फैसला लेना पड़ा।
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक चौंकाने वाले फैसले में जम्मू कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया। राज्य में सियासी घटनाक्रम जितनी तेजी से बदला उससे सब हैरान हैं। पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती द्वारा चिट्ठी लिखने के कुछ देर बाद ही गवर्नर सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग करने का शासनादेश जारी कर दिया।
बुधवार शाम में ही पीपुल्स डेमोक्रैटिक पार्टी की चीफ महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश करने की बात कही थी। और उनके दावा पेश किए जाने के तंुरंत बाद ही सज्जाद गनी लोन ने भाजपा समेत पीडीपी के 18 विधायकों का समर्थन होने का दावा करते हुए सरकार बनाने का दावा भी पेश किया था।