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जम्मू कश्मीर: क्या है धारा 370, जिसके चलते गिर गई महबूबा मुफ्ती सरकार

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: June 20, 2018 07:25 IST

2019 का लोकसभा चुनाव नज़दीक है और इसके लिहाज़ से भाजपा का 370 पर अपना मत स्पष्ट करना ज़रूरी हो जाता है और ठीक यहीं भाजपा और पीडीपी के मध्य विवाद उभर कर आता है क्योकि पीडीपी ने धारा 370 का हमेशा समर्थन किया है।

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श्रीनगर, 19 जून: गठबंधन और अलगाव के समय में आज जम्मू और कश्मीर में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपने अपने रास्ते अलग कर लिए। दोनों दलों के बीच पड़ी इस दरार के लिये  तमाम दलीलें रखी गईं जिसमें जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती की बातें गौर करने लायक थीं। अलग होने के बाद महबूबा ने कहा की 'भाजपा के साथ सत्ता में रहने के चार वर्ष के दौरान 370 पर आंच नहीं आने दी' उन्होंने और भी बहुत से  गिनाये लेकिन सभी बातों में धारा 370 की जम्मू कश्मीर में सबसे पुरानी और मज़बूत हिस्सेदारी रही है और भाजपा ने हमेशा इसका विरोध किया है यहाँ तक कि 2014 के आम चुनावों में भाजपा के घोषणापत्र में 370 को उम्मीद अनुसार जगह मिली थी। 

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भाजपा और पीडीपी  के इस चार वर्ष के साथ के दौरान यह प्रश्न भाजपा के सामने शायद इसलिए रह रह कर खड़ा हुआ क्योकि भाजपा अपने इस चुनावी वायदे को लेकर बहुत साफ नज़र नहीं आई। लेकिन महबूबा मुफ़्ती का प्रेस कोंफ्रेंस के दौरान बार बार 370 पर ज़ोर देने के कुछ मायने ज़रूर हो सकते हैं। 2019 का लोकसभा चुनाव नज़दीक है और इसके लिहाज़ से भाजपा का 370 पर अपना मत स्पष्ट करना ज़रूरी हो जाता है और ठीक यहीं भाजपा और पीडीपी के मध्य विवाद उभर कर आता है क्योकि पीडीपी ने धारा 370 का हमेशा समर्थन किया है।

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अब मोटे तौर पर समझते हैं कि धारा 370 के प्रावधान कहते क्या है:

1    भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता।

2    जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है।

3    देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता।

4  भारत देश के किसी और प्रदेश का नागरिक जम्मू कश्मीर की नागरिकता नहीं ले सकता लेकिन जम्मू कश्मीर का नागरिक भारत के किसी भी प्रदेश का  नागरिक हो सकता है।5     जम्मू कश्मीर का नागरिक यदि पाकिस्तान जाता है फिर भी उसकी भारतीय नागरिकता समाप्त नहीं होती।

6   भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती।

7  अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते।

370 विमर्श के लिहाज़ से भारतीय राजनीति में कुछ सर्वाधिक महत्वपूर्ण विषयों में रहा है लेकिन राजनैतिक दलों ने इस मुद्दे के सहारे अपनी राजनीति साधने का प्रयास किया है।शायद इसलिए अभी तक इस पर देश की इच्छानुसार कदम नहीं उठाए गए हैं। यह संभव है कि भाजपा पीडीपी से गठबंधन तोड़ने के बाद 370 पर कोई ठोस कदम उठाए और यह बात 201 9 के चुनावों की दलील पर तो और मज़बूत हो जाती है।

टॅग्स :भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)जम्मू कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टीमेहबूबा मुफ़्तीनरेंद्र मोदीअमित शाह
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