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जम्मू कश्मीर: जमानत मिलने के कुछ घंटों बाद ही पत्रकार फहाद शाह तीसरी बार गिरफ्तार, मुठभेड़ की रिपोर्टिंग को लेकर कार्रवाई

By विशाल कुमार | Updated: March 7, 2022 07:08 IST

ऑनलाइन समाचार पत्रिका 'द कश्मीरवाला' के प्रधान संपादक शाह को इसी साल 4 फरवरी को पुलवामा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। 22 दिनों की हिरासत के बाद, 26 फरवरी को उन्हें एनआईए अधिनियम के तहत एक विशेष अदालत द्वारा जमानत दी गई थी।

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ठळक मुद्देएक महीने के दौरान पत्रकार फहाद शाह को शनिवार को तीसरी बार गिरफ्तार किया गया।मई 2020 में एक मुठभेड़ की रिपोर्टिंग से संबंधित एक मामले के संबंध में गिरफ्तारी हुई है।वह श्रीनगर के सफाकदल पुलिस स्टेशन में बंद हैं।

श्रीनगर:जम्मू कश्मीर की शोपियां कोर्ट से जमानत मिलने और एक विशेष अदालत से जमानत हासिल करने के कुछ घंटों बाद ही बीते एक महीने के दौरान पत्रकार फहाद शाह को शनिवार को तीसरी बार गिरफ्तार किया गया।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीनगर पुलिस द्वारा सबसे हालिया गिरफ्तारी, मई 2020 में शहर में एक मुठभेड़ को लेकर उनकी पत्रिका की रिपोर्टिंग से संबंधित एक मामले के संबंध में है।

पत्रिका के एक बयान के अनुसार, फहाद को जमानत देते हुए शोपियां के मजिस्ट्रेट सईम कयूम ने कहा कि एक बर्बर समाज में आप शायद ही जमानत मांग सकते हैं, एक सभ्य समाज में आप शायद ही इसे मना कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो जमानत एक नियम है और इसका इनकार एक अपवाद है।

ऑनलाइन समाचार पत्रिका 'द कश्मीरवाला' के प्रधान संपादक शाह को इसी साल 4 फरवरी को पुलवामा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। 22 दिनों की हिरासत के बाद, 26 फरवरी को उन्हें एनआईए अधिनियम के तहत एक विशेष अदालत द्वारा जमानत दी गई थी। इसके बाद, उन्हें शोपियां पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और शनिवार को उन्हें जमानत दे दी गई थी।

वर्तमान में, वह श्रीनगर के सफाकदल पुलिस स्टेशन में बंद हैं और उनका वकील फिर से जमानत के लिए तैयार है।

एक बयान में जम्मू कश्मीर पुलिस ने कहा था कि पत्रकार फहाद शाह तीन मामलों में आतंकवाद का महिमामंडन करने, फर्जी खबरें फैलाने और कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा करने के लिए आम जनता को उकसाने के लिए वांछित थे।

33 वर्षीय को सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था, जो कथित तौर पर आतंकवादी गतिविधियों का महिमामंडन करने और कानून लागू करने वाली एजेंसियों की छवि को खराब करने के अलावा देश के खिलाफ दुर्भावना और असंतोष पैदा करने के लिए था।

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