जम्मू: कश्मीर में इस साल अभी तक 40 से ज्यादा विदेशी आतंकियों के मारे जाने की सूचना है। बताया जा रहा है 150 से ज्यादा अभी भी कश्मीर में एक्टिव हैं। इन विदेशी आतंकियों के प्रति सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर वे कहां से आ रहे हैं जबकि सेना कहती है कि घुसपैठ पूरी तरह से रोक दी गई है। वहीं, पुलिस दावा करती है कि घुसपैठ में सिर्फ कमी आई है।
पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह मानते हैं कि कश्मीर में विदेशी आतंकियों की संख्या अभी भी चिंताजनक है। हालांकि वे इस सवाल का जवाब नहीं दे पाते थे कि आखिर वे कहां से आ रहे हैं।
दरअसल एलओसी के उन घुसपैठ के रास्तों को पूरी तरह से पाट पाना असंभव ही है जो गहरी खाईयों और नदियों से गुजरते हैं और जहां बर्फबारी हमेशा ही तारबंदी को नुक्सान पहुंचा रही है।
ऐसे में सेना के दावों पर पर भी प्रश्नचिन्ह लगता है जिसमें अक्सर कहा जा रहा है कि उस पार से घुसपैठ की संख्या शून्य हो चुकी है। हालांकि उस पार से आने वाले अधिकतर घुसपैठियों को अब तारबंदी को पार करने से पहले ही मार गिराने में अत्याधुनिक उपकरण कामयाबी दिला रहे हैं।
फिलहाल इसके प्रति कोई ठोस जानकारी नहीं है कि कितने विदेशी आतंकी कश्मीर में एक्टिव है। वैसे अंदाजा 150 से 200 का लगाया जा रहा है। इनके प्रति अब यह भी कहा जाने लगा है कि ये नेपाल समेत अन्य रास्तों से भी कश्मीर पहुंच रहे हैं जहां उन्हें बाद में तबाही मचाने के इरादों से हथियार व गोला बारूद मुहैया करवाया जा रहा है।