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जम्मू कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान: 12 आतंकवादी ढेर, तीन जवान शहीद, चार आम नागरिकों की मौत

By भाषा | Updated: April 2, 2018 00:26 IST

अवंतिपुरा के विक्टर फोर्स मुख्यालय में आनन- फानन में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में जम्मू- कश्मीर के पुलिस महानिदेशक( डीजीपी) एस पी वैद्य ने कहा कि कश्मीर घाटी में हाल में आतंकवादी समूहों के खिलाफ यह सबसे बड़ी कार्रवाई है।

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श्रीनगर, 2 अप्रैल: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग और शोपियां जिलों में आतंकवादी संगठनों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के तहत तीन आतंकवाद निरोधक अभियानों में12 आतंकवादियों को मार गिराया गया जबकि सेना के तीन जवान शहीद हो गये और चार आम लोगों को भी जान गंवानी पड़ी। ये अभियान दो जिलो में शनिवार रात शुरू किये गये थे जो रविवार दोपहर तक जारी रहे। अधिकारियों ने बताया कि अनंतनाग जिले के दायलगाम में एक आतंकवादी मारा गया और एक अन्य को गिरफ्तार किया गया जबकि द्रगाद में सात आतंकवादी मारे गये। शापियां जिले के काचदुरू क्षेत्र में चार आतंकवादियों को मार गिराया गया। 12 आतंकवादियों में से अब तक 11 की पहचान कर ली गई है और ये सभी स्थानीय निवासी हैं।

इससे पूर्व पुलिस ने बताया था कि काचदुरू में पांच आतंकवादी मारे गये हैं लेकिन इसके बाद मारे गये आतंकवादियों की संख्या को संशोधित करते हुए चार बताया गया। काचदुरू क्षेत्र में सेना के तीन जवान शहीद हो गये और तीन नागरिक भी मारे गये हैं जबकि एक अन्य नागरिक भी आतंकवादियों के साथ मारा गया। इस नागरिक के घर पर ये आतंकवादी छिपे हुए थे। कानून एवं व्यवस्था की स्थिति और अलगाववादी संगठनों के बंद के आह्वान को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने श्रीनगर शहर के सात पुलिस थानों और दक्षिण कश्मीर के इलाकों में पाबंदियां लगाई हैं। इसके अलावा सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक समेत अलगाववादी नेताओं को नजरबंद किया गया है।

पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर क्षेत्र) एस पी पाणि ने बताया कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने सेना और सीआरपीएफ के साथ मिलकर बहुत जबर्दस्त काम किया है। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों के इस अभियान के कारण हिज्बुल मुजाहिदीन और लश्कर- ए- तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों को करारा झटका लगा है। अवंतिपुरा के विक्टर फोर्स मुख्यालय में आनन- फानन में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में जम्मू- कश्मीर के पुलिस महानिदेशक( डीजीपी) एस पी वैद्य ने कहा कि कश्मीर घाटी में हाल में आतंकवादी समूहों के खिलाफ यह सबसे बड़ी कार्रवाई है।

अधिकारियों ने बताया कि काचदुरू में अभियान समाप्त हो गया है और सुरक्षाकर्मी कल फिर से मलबे में खोजबीन शुरू करेंगे। इससे पूर्व अवंतिपुरा में विक्टर फोर्स मुख्यालय में बुलाये गये एक संवाददाता सम्मेलन में15 वीं कोर के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए के भट्ट ने इसे हाल के समय में सबसे बड़ा अभियान करार दिया और कहा कि लेफ्टिनेंट उमर फय्याज का बदला ले लिया गया है। पिछले साल शोपियां में फय्याज की निर्मम हत्या कर दी गई थी।

मारे गए आतंकवादियों में इश्फाक ठोकर, एहतेमाद हुसैन और आकिब इकबाल शोपियां क्षेत्र में आतंकवाद से संबंधित कई गतिविधियों के लिए जिम्मेदार थे। पिछले साल मई में आतंकवादियों ने फय्याज(22) की हत्या कर दी थी। दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले के हरमैन इलाके में उनका शव बरामद किया गया था। डीजीपी ने एक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक( एसएसपी) के प्रयास का भी जिक्र किया। दायलगाम मुठभेड़ के दौरान एसएसपी ने एक आतंकवादी को आत्मसमर्पण करने के लिए राजी किया।

शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘मैं दायलगाम मुठभेड़ का खास जिक्र करना चाहूंगा जहां हमारे एसएसपी ने एक विशेष प्रयास किया, जैसा दुनिया में कहीं भी सुनने को नहीं मिलता है।’’ डीजीपी ने कहा, ‘‘उन्होंने( एसएसपी ने) एक आतंकवादी के परिजन को फोन किया। उन्होंने उससे30 मिनट तक बात की, ताकि उसे आत्मसमर्पण करने के लिए राजी किया जा सके।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ दुर्भाग्यवश, उसने अपने परिजन की सलाह नहीं मानी। बातचीत के दौरान जिला एसएसपी ने उसे समझाने की कोशिश की। लेकिन उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी, जिसके बाद पुलिस के पास पलटवार करने के सिवाय और कोई चारा नहीं था। वह मारा गया। एक अन्य जीवित पकड़ा गया।’’ 

काचदुरू में चल रही मुठभेड़ पर डीजीपी ने कहा कि वहां चार- पांच आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना थी, लेकिन ‘‘हम मलबे के साफ होने के बाद ही सही तस्वीर बता पाएंगे।’’पुलिस प्रमुख ने बताया कि शोपियां जिले के द्रगाद में हुई मुठभेड़ में एक और काचदुरू में एक आम नागरिक की मौत हो गई। डीजीपी ने कहा कि द्रगाद में हुई मुठभेड़ में मारे गए सभी सात आतंकवादी स्थानीय निवासी थे और उनके परिवारों ने उनके शव मांगे हैं। सीआरपीएफ के महानिरीक्षक( आईजी) जुल्फीकार हसन ने बताया कि शोपियां में मुठभेड़ की जगह पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए।

उन्होंने कहा, ‘‘अभियान नहीं रुकेंगे और यदि उन्होंने आतंकवाद निरोधक अभियानों में जवानों पर पत्थर फेंकने बंद नहीं किए तो हमें सभी आक्रामक उपाय करने होंगे।’’ डीजीपी ने कहा कि नौजवानों को इस तरह मरते देखना दुखद है। वैद्य ने कहा, ‘‘मैं सभी माता- पिता से अपील करता हूं कि वे अपने बच्चों से हिंसा छोड़कर राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल होने का अनुरोध करें।’’ 

इस बीच राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज अनंतनाग और शापियां जिलों में विभिन्न सुरक्षा अभियानों के दौरान नागरिकों की मौत पर दुख जताया। उन्होंने इन अभियानों के दौरान घायल हुए लोगों के प्रति भी सहानुभूति जताई। मुख्यमंत्री ने इन अभियानों में शहीद हुए सेना के तीन जवानों को भी श्रद्धांजलि दी। नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने नागिरकों की मौत पर शोक जताते हुए मुख्यमंत्री के राज्य में नहीं होने पर सवाल उठाया।

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