परिसीमन आयोग की सिफारिशों से मचा बवाल, कश्मीर और जम्मू में बंट गए राजनीति दल, विरोध में हैं कश्मीरी नेता

By विशाल कुमार | Published: December 21, 2021 03:35 PM2021-12-21T15:35:04+5:302021-12-21T15:38:56+5:30

दरअसल, परिसीमन आयोग ने जम्मू कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों की सीमा को नए सिरे से निर्धारित करने के मकसद से गठित जम्मू क्षेत्र में छह अतिरिक्त सीट और कश्मीर घाटी में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा है।

jammu kashmir delimitation panel recommendation political parties | परिसीमन आयोग की सिफारिशों से मचा बवाल, कश्मीर और जम्मू में बंट गए राजनीति दल, विरोध में हैं कश्मीरी नेता

महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला. (फाइल फोटो)

Highlightsपरिसीमन आयोग ने जम्मू में छह और कश्मीर घाटी में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा है।नेकां), पीडीपी समेत कश्मीर के प्रत्येक राजनीतिक दल ने विरोध करना आरंभ कर दिया है।

जम्मू: प्रदेश में विधानसभा सीटों को नए सिरे से पुननिर्धारित करने की परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद जबरदस्त बवाल मचा हुआ है। इसने प्रदेश की राजनीति को दो हिस्सों में बांट दिया है। 

इसमें एक हिस्सा जम्मू है जिसके नेता अभी भी कम हिस्सा मिलने की शिकायत कर रहे हैं तो दूसरा हिस्सा कश्मीरी नेता व कश्मीर केंद्रीत राजनीतिक दल हैं जिनका कहना है कि यह प्रस्ताव कश्मीर के चुनावी नक्शे को बदल कर रख देंगें जो कश्मीरियों को कभी मंजूर नहीं होगा।

दरअसल, परिसीमन आयोग ने जम्मू कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों की सीमा को नए सिरे से निर्धारित करने के मकसद से गठित जम्मू क्षेत्र में छह अतिरिक्त सीट और कश्मीर घाटी में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा है। 

नेशनल कांफ्रेंस (नेकां), पीडीपी समेत कश्मीर के लगभग प्रत्येक राजनीतिक दल ने इन प्रस्तावों का विरोध करना आरंभ कर दिया है। नेशनल कांफ्रेंस ने तो जहां तक कहा कि वह रिपोर्ट पर इसके वर्तमान स्वरूप में हस्ताक्षर नहीं करेगी।

इन सिफारिशों पर विरोध के क्रम में पूर्व मंत्री अल्ताफ बुखारी की अध्यक्षता वाली जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी ने भी आयोग के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि यह हमारे लिए पूरी तरह से अस्वीकार्य है। अपनी पार्टी जनसंख्या और जिलों के आधार पर बिना किसी पूर्वाग्रह के निष्पक्ष परिसीमन कवायद की मांग करती है।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आयोग केवल धार्मिक और क्षेत्रीय आधार पर लोगों को विभाजित कर भाजपा के राजनीतिक हितों की सेवा के लिए बनाया गया है। असली गेम प्लान जम्मू कश्मीर में एक ऐसी सरकार स्थापित करने का है, जो अगस्त 2019 के अवैध और असंवैधानिक निर्णयों को वैध करेगी। 

जबकि पीपुल्स कांफ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन ने कहा कि आयोग की सिफारिशें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि वे पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं। उन्होंने इसे लोकतंत्र में विश्वास रखने वालों के लिए बड़ा झटका बताया है।

दरअसल, अगर परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को वर्तमान स्वरूप में लागू कर दिया जाता है तो जम्मू कश्मीर में विधानसभा में 90 सीटें हो जाएंगी। पिछली विधानसभा में 87 सीटें थीं। कश्मीर में 47 और जम्मू क्षेत्र में 36 सीटें थीं। 

जम्मू कश्मीर में अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जाति आदि के लिए विधानसभा क्षेत्र आरक्षित होंगे, जो इस केंद्र शासित प्रदेश के लिए अलग राजनीतिक परिदृश्य पेश करेंगे। 

पिछली राज्य विधानसभा में पीडीपी के खाते में 28, भाजपा को 25, नेशनल कांफ्रेंस को 15 और कांग्रेस के पास 12 सीटें थीं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जम्मू क्षेत्र की जनसंख्या 53.72 लाख और कश्मीर संभाग की जनसंख्या 68.83 लाख है। 

हालाकि, भाजपा के सांसद और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बैठक के बाद कहा कि किसी भी सहयोगी सदस्य की ओर से कोई आपत्ति नहीं आई जबकि डॉ. अब्दुल्ला कह रहे हैं कहा कि आयोग के बारे में कुछ गलतफहमी थी।

तभी तो नेशनल कांफ्रेंस ने अपने ट्वीट में कहा कि दुर्भावनापूर्ण इरादे से तथ्यों को गलत तरीके से पेश और विकृत करना! बहुत ही भ्रामक बयान हे। हमने परिसीमन आयोग के मसौदे पर सीट बंटवारे की पक्षपाती प्रक्रिया पर अपनी नाराजगी स्पष्ट रूप से व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि पार्टी इस रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं करेगी।

इस बीच, पांच दलों वाले गुपकर गठबंधन (पीएजीडी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बैठक के बाद कहा कि वह समूह के साथ-साथ अपनी पार्टी के सहयोगियों को आयोग के विचार-विमर्श के बारे में जानकारी देंगे। 

फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि हम पहली बार बैठक में शामिल हुए क्योंकि हम चाहते थे कि जम्मू कश्मीर के लोगों की आवाज सुनी जाए। बैठक सौहार्दपूर्ण तरीके से हुई और हम सभी को निष्कर्ष पर पहुंचने के वास्ते अपनाए गए तरीके के बारे में बताया गया।

Web Title: jammu kashmir delimitation panel recommendation political parties

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