संतूर होटल से एमएलए होस्टल में स्थानांतरित किए जाने वाले 34 के करीब राजनीतिक बंदियों ने एमएलए होस्टल को ‘भूतहा घर’ बताते हुए जेल में भेज देने की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि अगर जेलों में भिजवाना संभव न हो तो उन्हें उनके ही घरों में नजरबंद कर दिया जाए।
जिन लोगों को एमएलए होस्टल में स्थानांतरित किया गया है उनमें पीपुल्स कांफ्रोेंस के सज्जाद लोन, नेकां के अली मुहम्मद सागर, पीडीपी के नईम अख्तर तथा आईएएस से राजनीतिज्ञ बने शाह फैसल भी शामिल हैं। दरअसल इन सभी को संतूर होटल से एमएलए होस्टल में इसलिए स्थानांतरित करना पड़ा है क्योंकि इन नेताओं ने बांड भर कर रिहाई लेने से इंकार कर दिया था तथा संतूर होटल का बिल लगातार बढ़ता जा रहा था जो सवा तीन करोड़ को भी पार कर गया था।
अब इनके परिजन भी पिछले तीन दिनों से एमएलए होस्टल के बाहर हंगामा किए हुए हैं। वे अपने सगे संबंधियों से मिलने के लिए गए थे और फिर उसके बाद से ही उनका हंगामा शुरू हो गया। मुज्जफर शाह की बहन आलिया बानो कहती थी कि एमएलए होस्टल में बिजली की सुचारू आपूर्ति भी नहीं है और ऐसे में भयानक सर्दी में इन बंदियों की जान को खतरा हो सकता है।
पूर्व एमएलसी बशीर वीरी के भाई तनवीर वीरी का कहना था कि अगर सरकार इन कैदियों को संतूर होटल में रखने का खर्च नहीं उठा सकती तो उसके पास कई विकल्प हैं। उन्हें या तो जेलों में भेज दें, घरों में कैद कर दें या फिर जम्मू भेज दें।
पर राज्य प्रशासन इन बंदियों तथा उनके सगे संबंधियों की चिंताओं की ओर कोई ध्यान देने को राजी नहीं है। वह अभी भी इन कैदियों को कश्मीर की शांति के लिए खतरा मान रहा है क्योंकि वे रिहाई बांड भर कर कैद से बाहर आने को राजी नहीं हैं। बताया तो यह भी जा रहा है कि पूर्व आईएएस शाह फैसल ने तो रिहाई बांड को फाड़ कर उस अधिकारी के मुंह पर फैंक दिया था जो यह प्रस्ताव लेकर उसके पास गया था।
हालांकि प्रशासन का कहना है कि उन्हें उनके घरों में बंद नहीं किया जा सकता क्योंकि फिर प्रत्येक राजनीतिक बंदी के घर पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को तैनाती का खर्चा बढ़ेगा। जेलों में न भिजवाने के पीछे का तर्क देते थे कि इसके प्रति उच्च स्तर पर फैसला किया जाना है क्योंकि वे अपराधी नहीं हैं। नतीजतन प्रशासन इन राजनीतिक बंदियों को उसी एमएलए होस्टल में रखना चाहता है जहां सुविधाओं के नाम पर उन्हें ठेंगा दिखाया जा रहा है और इस होस्टल को अब ‘भूतहा घर’ की संज्ञा दी जा रही है।