जम्मू-कश्मीरः खोखला साबित हुआ 17 सालों से जारी सीजफायर, खुशियां कम और ज्यादा जख्म

By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 31, 2020 09:18 PM2020-10-31T21:18:17+5:302020-10-31T21:18:17+5:30

पाकिस्तान कभी गोले बरसाकर तो कभी आतंकियों की घुसपैठ करवा कर सीजफायर की धज्जियां उड़ा रहा है, जिससे सीमांत लोगों पर हर वक्त खतरा बरकरार है।

Jammu and Kashmir pakistan violated ceasefire continues 17 years happiness less more injuries | जम्मू-कश्मीरः खोखला साबित हुआ 17 सालों से जारी सीजफायर, खुशियां कम और ज्यादा जख्म

आतंकियों ने खून की होली खेली तो कभी पाकिस्तान ने गोलाबारी कर दिवाली की खुशियों तक को ग्रहण लगा दिया। (file photo)

Highlightsइस अरसे में न तो सीमावासियों को सुख और न ही सीमा की सुरक्षा में जुटे सीमा प्रहरियों को चैन नसीब हुआ। लोगों के मरने, घायल होने का सिलसिला लगातार जारी है। दोनों देशों में 25 नवंबर 2003 की मध्यरात्रि को हुआ सीजफायर महज औपचारिकता बन गया है। कश्मीर में आतंकी कैंपों पर हमलों के बाद से बौखलाए पाकिस्तान ने गोलाबारी की हदें पार कर दी हैं।

जम्मूः सीमाओं पर जारी सीजफायर के प्रति, जो इस महीने अर्थात 25 नवम्बर को अपने 17 साल पूरे करने जा रहा है, यह कड़वी सच्चाई है कि सीजफायर खोखला साबित हुआ है जिसने खुशियां कम और जख्म ज्यादा दिए हैं। पाकिस्तान कभी गोले बरसाकर तो कभी आतंकियों की घुसपैठ करवा कर सीजफायर की धज्जियां उड़ा रहा है, जिससे सीमांत लोगों पर हर वक्त खतरा बरकरार है।

कहने को सीजफायर के 17 साल हो गए, लेकिन इस अरसे में न तो सीमावासियों को सुख और न ही सीमा की सुरक्षा में जुटे सीमा प्रहरियों को चैन नसीब हुआ। लोगों के मरने, घायल होने का सिलसिला लगातार जारी है। दोनों देशों में 25 नवंबर 2003 की मध्यरात्रि को हुआ सीजफायर महज औपचारिकता बन गया है।

कभी घुस आए आतंकियों ने खून की होली खेली तो कभी पाकिस्तान ने गोलाबारी कर दिवाली की खुशियों तक को ग्रहण लगा दिया। उस कश्मीर में आतंकी कैंपों पर हमलों के बाद से बौखलाए पाकिस्तान ने गोलाबारी की हदें पार कर दी हैं।

अब तक सीमांत क्षेत्रों में गोलाबारी, आतंकी हमलों में सैंकड़ों लोग शहीद हुए हैं। हालत यह है कि इस साल पाक सेना ने अनुमानतः 4 हजार बार सीमा और एलओसी पर गोले बरसाए हैं, उसके बावजूद कहा जा रहा है सीजफायर जारी है। यह सच है कि सरहद से सटे गांवों के लोग हर दिन पाक गोलाबारी की दहशत के साए में बिता रहे हैं।

लोगों का कहना है कि सीमांत गांवों में रहने वाले लोगों के लिए हर दिन युद्ध जैसे हालात हैं। सीमावासी कहते हैं कि सरहद पर शांति कायम रखने के लिए जो सीजफायर लागू हुआ था, उसे पाक रेंजरों ने नाकारा साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस अरसे में जम्मू सीमा पर पाक रेंजरों ने अनगिनत गोलाबारी की घटनाओं को अंजाम दिया है। आज भी लोग पाक गोलाबारी की दहशत में जीवन बसर कर रहे हैं।

इंटरनेशनल बार्डर तथा एलओसी पर कई बार सीजफायर का उल्लंघन होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती रही है। भारी गोलीबारी के कारण सीमा से सटे स्कूलों को कई बार कई दिनों तक बंद रखा गया। हाल ही में पिछले दिनों सीमा पर बने तनाव के कारण करीब एक पखवाड़े तक स्कूल बंद रहे। इससे बच्चों की पढ़ाई की प्रभावित हुई।

जम्मू संभाग के पांच जिलों में तीन सौ से अधिक स्कूलों को बंद किया गया। प्रशासन को कई बार बच्चों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगानी पड़ीं। एलओसी के कई इलाकोें में अभी भी बीसियों स्कूल बंद हैं। इतना ही नहीं जब सीमा से सटे इलाकों से लोगों का सुरक्षित स्थानों की तरफ पलायन होता तो उन्हें स्कूलों में ही ठहराया जाता है।

ऐसे में उन स्कूलों में भी विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो जाती है। यह कहना गलत नहीं होगा कि पाकिस्तान की नापाक हरकतों का खामियाजा सीमांत क्षेत्रों के बच्चों को प्रभावित होने वाली पढ़ाई के रूप में भुगतना पड़ा है। पिछले कुछ समय के दौरान सीमा पर भारी गोलीबारी के कारण अकेले जम्मू जिला में ही 174 स्कूलों को प्रशासन ने एहतियात के तौर पर बंद कर दिया था।

देखा जाए तो सीजफायर तो नाम का ही है, पाकिस्तान की तरफ से बार बार उल्लंघन होता आया है। ऐसे में बच्चों के अभिभावकों को हमेशा ही यह चिंता सताती है कि उनके बच्चों का भविष्य दांव पर है। विशेषकर पिछले कुछ महीनों से सीमा पर तनाव बढ़ने से अभिभावकों की परेशानियों ज्यादा बढ़ गई है।

Web Title: Jammu and Kashmir pakistan violated ceasefire continues 17 years happiness less more injuries

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