जम्मू कश्मीरः घुसपैठ रोकने के लिए आर्मी ने LoC पर बढ़ाई जवानों की तैनाती, आज से मोबाइल सेवा बहाल होने से बढ़ेगी चुनौतियां
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 14, 2019 09:09 AM2019-10-14T09:09:26+5:302019-10-14T09:09:26+5:30
लेफ्टिनेंट जनरल रनबीर सिंह ने कहा कि सरकार के आर्टिकल 370 खत्म करने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले से आतंकियों में गुस्सा है। पाकिस्तान पूरी कोशिश कर रहा है कि कश्मीर घाटी में अस्थिरता लाई जाए।
भारतीय सेना ने पिछले दो महीनों में एलओसी पर अपने सैन्य दल में काफी बढ़ोतरी की है। यह कदम पाकिस्तान समर्थित आतंकियों की घुसपैठ को रोकने के लिए उठाया गया है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में एक आर्मी कमांडर के हवाले से ये बात लिखी गई है। पांच अगस्त को आर्टिकल 370 निष्क्रिय किए जाने के बाद घुसपैठ की घटनाओं में बड़ा इजाफा हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक लेफ्टिनेंट जनरल रनबीर सिंह ने कहा कि सरकार के आर्टिकल 370 खत्म करने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले से आतंकियों में गुस्सा है। पाकिस्तान पूरी कोशिश कर रहा है कि कश्मीर घाटी में अस्थिरता लाई जाए। पांच अगस्त के बाद कमोबेश रोजाना पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी की गई और घुसपैठ कराने की कोशिश की गई।
जनरल सिंह ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि हमने घुसपैठ से निपटने के लिए दूसरे मोर्चों से सैन्य दलों को बुलाया है। एलओसी पर ऐसा कोई इलाका नहीं है जहां जवान तैनात ना हों। उन्होंने कहा कि हमने सभी बड़ी घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम कर दिया है।
कश्मीर घाटी में लगातार 69 दिन से लगी पाबंदियों में बड़ी ढील देते हुए जम्मू्-कश्मीर प्रशासन ने घोषणा की कि करीब 40 लाख पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं सोमवार दोपहर से बहाल हो जाएंगी। इससे भी सीमा सुरक्षा के लिए कुछ चुनौतियां पेश हो सकती हैं। हालांकि राज्य सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में हालात की समीक्षा करने के बाद प्रदेश के सभी बाकी इलाकों में मोबाइल फोन सेवाएं बहाल करने का फैसला लिया गया।’’
केन्द्र सरकार द्वारा पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने के बाद से ही घाटी में पाबंदियां जारी हैं। दो नए केंद्र शासित प्रदेश 31 अक्टूबर से सृजित हो जाएंगे।