जम्मू-कश्मीर: हथियारों की कमी के बाद छोटे और शक्तिशाली बमों से घाटी में दहशत फैला रहे आतंकी

By भाषा | Published: August 17, 2021 05:22 PM2021-08-17T17:22:54+5:302021-08-17T17:35:38+5:30

कश्मीर में आतंकियों के पास हथियारों की कमी का नतीजा यह है कि आतंकी पुराने हथियारों की ओर फिर से मुढ़ गए हैं. जिनमें आईईडी और हथगोले प्रमुख हैं. हालांकि उन्होंने अपने आयुद्ध भंडार में अब स्टिक बमों को भी शामिल कर लिया है जो किसी भी समय कश्मीर में खतरनाक साबित हो सकते हैं. 

Jammu and Kashmir: After the shortage of weapons, terrorists are spreading terror in the valley with small and powerful bombs. | जम्मू-कश्मीर: हथियारों की कमी के बाद छोटे और शक्तिशाली बमों से घाटी में दहशत फैला रहे आतंकी

जम्मू-कश्मीर: हथियारों की कमी के बाद छोटे और शक्तिशाली बमों से घाटी में दहशत फैला रहे आतंकी

कश्मीर में आतंकियों के पास हथियारों की कमी का नतीजा यह है कि आतंकी पुराने हथियारों की ओर फिर से मुढ़ गए हैं. जिनमें आईईडी और हथगोले प्रमुख हैं. हालांकि उन्होंने अपने आयुद्ध भंडार में अब स्टिक बमों को भी शामिल कर लिया है जो किसी भी समय कश्मीर में खतरनाक साबित हो सकते हैं. 

इसके प्रति सुरक्षाधिकारी आप चेता रहे हैं. ताजा घटनाक्रम में एलओसी से सटे मेंढर कस्बे से बरामद हुए चार स्टिक बम चिंता का कारण बन गए हैं. इससे पहले आतंकियों ने मार्च महीने में इनका इस्तेमाल कर सभी को चौंका दिया था. पिछले लगभग 6 माह से कश्मीर आईईडी और ग्रेनेड के कामयाब व नाकाम हमलों से जूझ रहा है. करीब दो सौ हमलों में आतंकियों द्वारा जम्मू से लेकर कश्मीर के अंतिम छोर तक आईईडी और ग्रेनेड हमलों से दहशत फैलाने का प्रयास किया जा चुका है. 

कुछेक को तो सुरक्षाबल नाकाम कर पाने में कामयाब रहे हैं पर कुछेक में सफलता आतंकियों के हाथ लगी थी.
अभी आईईडी और हथगोलों के कामयाब व नाकाम हमलों से सुरक्षाबल जूझ ही रहे थे कि स्टिक बमों की बरामदगी और कई खेपों के कश्मीर में पहुंच जाने की खबरों ने सभी को दहशतजदा कर दिया है. इसके प्रति सुरक्षाधिकारियों ने चेताते हुए कहा है कि यह भयानक और शक्तिशाली भी हो सकते हैं और आतंकी इनसे तबाही मचा सकते हैं.

इसी साल मार्च महीने में एक टिप्पर को स्टिक बम से उड़ाने की नाकाम कोशिश के बाद चार दिन पहले एलओसी से सटे मेंढर कस्बे से चार स्टिक बम बरामद तो हुए हैं पर खुफिया अधिकारी कहते हैं कि अब आतंकी ग्रेनेड व आईईडी के स्थान पर स्टिक बमों को तरजीह दे सकते हैं. इसके पीछे के कारणों को सुरक्षाधिकारी कुछ इस तरह से गिनाते थे, कि यह बड़ी मात्रा में कश्मीर पहुंच चुके हैं, यह आसानी से छुपाए जा सकते हैं और यह मेटल डिटेक्टर की नजर से भी बच जाते हैं.

ऐसे में आम कश्मीरी का दहशतजदा होना जायज है. इसका भी कारण सुरक्षाधिकारियों की वह चेतावनी है जिसमें वे कहते थे कि आतंकी इन स्टिक बमों का इस्तेमाल आम नागरिकों के वाहनों पर चिपका कर विस्फोट करने के इरादे लिए हुए हैं.

दहशत का आलम सुरक्षाबलों के गलियारों में भी देखा जा सकता है जो इन स्टिक बमों को तलाश करने की तरकीबें तलाश रहे हैं तथा सुरक्षा बंदोबस्त में ऐसे उपकरण शामिल करने पर जोर देने लगे हैं जिनसे इन स्टिक बमों के हमलों को रोका जा सके.

Web Title: Jammu and Kashmir: After the shortage of weapons, terrorists are spreading terror in the valley with small and powerful bombs.

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