जम्मू कश्मीर के पुलवामा सेक्टर में सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया है। पुलिस के मुताबिक, मारे गए आतंकवादियों में जैश ए मोहम्मद का आतंकी लंबू उर्फ मोहम्मद इस्माइल अल्वी उर्फ अदनान भी शामिल है। सुरक्षाबलों के लिए अल्वी को ढेर करना बहुत बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। 2019 में हुए पुलवामा हमले में भी शामिल था। 2017 से घाटी में सक्रिय खूंखार आतंकी की सुरक्षाबलों को काफी वक्त से तलाश थी।
कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने बताया कि आतंकवादी मोहम्मद इस्माइल अल्वी जैश ए मोहम्मद सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार था। उन्होंने बताया कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के दिन तक वह फिदायीन आदिल डार के साथ ही था। यहां तक की आदिल का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें भी अल्वी की ही आवाज सुनाई दी थी।
पुलिस के मुताबिक, उन्हें नागबेरन-तरसर के जंगलों में आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग कर दी। बताया जा रहा है कि पांच आतंकवादियों में से चार पाकिस्तानी और एक स्थानीय था। सुरक्षाबलों ने इनमें से दो को मार गिराने में कायमाबी हासिल की है। वहीं दूसरे आतंकवादी की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है। मारे गए आरोपियों के पास से एक एके-47 राइफल और एक एम-4 राइफल बरामद की गई है।
जैश का नेटवर्क बढ़ाने की थी जिम्मेदारी
करीब साढ़े छह फीट लंबाई के कारण अल्वी को लंबू के नाम से बुलाया जाता था। कश्मीर में जैश का नेटवर्क धीरे-धीरे कम हो रहा है। ऐसे में उसे इस नेटवर्क को फिर से मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और नए लड़कों की भर्ती के लिए कहा गया था। अल्वी आईईडी का एक्सपर्ट था। साथ ही फिदायीन हमलों के लिए युवाओं को तैयार भी करता था।
पुलवामा हमले में 40 जवान हुए थे शहीद
जम्मू कश्मीर के पुलवामा के निकट अवंतीपोरा में सीआरपीएफ के काफिले पर 14 फरवरी 2019 को फिदायीन हमला हुआ था। जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली थी। हमले की भीषणता का पता इस बात से लगाया जा सकता है कि इसमें करीब 350 किलो आईईडी का इस्तेमाल किया गया था।