पद्मावत विरोधियों का 'खौफ', जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल में नहीं जाएंगे जावेद अख्तर और प्रसून जोशी
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: January 25, 2018 12:02 IST2018-01-25T11:26:02+5:302018-01-25T12:02:07+5:30
राजपूत करणी सेना ने धमकी दी थी कि पद्मावत फिल्म का समर्थन करने की वजह से जावेद अख्तर और प्रसून जोशी को राजस्थान में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।

पद्मावत विरोधियों का 'खौफ', जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल में नहीं जाएंगे जावेद अख्तर और प्रसून जोशी
पद्मावत फिल्म का विरोध कर रही राजपूत करणी सेना द्वारा मिली धमकियों के बाद गीतकार जावेद अख्तर और सीबीएफसी प्रमुख और गीतकार गुरुवार (25 जनवरी) से शुरू हो रहे जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल 2018 में नहीं शामिल होंगे। जयपुर में हर साल होने वाले साहित्य समारोह में अख्तर और जोशी को वक्ता के तौर पर शामिल होना था।पांच दिनों तक चलने वाले आयोजन में 15 भारतीय भाषाओं और 20 गैर-भारत भाषाओं के 380 वक्ता इस आयोजन में शामिल होंगे। कार्यक्रम की सह-संयोजक नमिता गोखले ने इस साल के आयोजन के बारे में कहा कि जेएलएफ में भारत अपनी सोच सामने रखता है और बहस करता है। पिछले साल जयपुर लिट फेस्टीवल में साढ़े तीन लाख लोग शामिल हुए थे।
फिल्म को सीबीएफसी ने यू/ए सर्टिफिकेश दिया है। करणी सेना ने आरोप लगाया था कि सेंसर बोर्ड ने माफिया के कहने पर फिल्म को प्रमाणपत्र दिया। सेंसर बोर्ड ने फिल्म निर्माताओं को फिल्म का नाम पद्मावती से बदलकर पद्मावत करने के लिए कहा था जिसे मान लिया गया। सेंसर बोर्ड ने फिल्म में छह जगहों पर बदलाव के लिए भी कहा था जिसे संजय लीला भंसाली ने मान लिया। सेंसर बोर्ड ने इतिहासकारों की एक कमेटी को दिखाने के बाद फिल्म को प्रमाणपत्र दिया था।
बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने पद्मावत फिल्म की आलोचना करते हुए ऐसी फिल्में पुराने घाव खोल देती हैं। सुब्रमण्यम स्वामी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "इससे पुराने घाव खुल जाते हैं, इसीलिए ऐसी फिल्में नहीं बनानी चाहिए? ज़ीरो। वो कह रहे हैं इसका इतिहास से कोई लेना-देना नहीं तो आप ऐसी फिल्म बना क्यों रहे हैं? और राहुल गांधी इस मुद्दे पर क्यों नहीं बोल रहे हैं?"