आईटीबीपी के निरीक्षण दल ने हिमखंड टूटने वाले स्थान का लिया जायजा

By भाषा | Updated: February 10, 2021 19:21 IST2021-02-10T19:21:34+5:302021-02-10T19:21:34+5:30

ITBP's inspection team reviewed the location of the iceberg break | आईटीबीपी के निरीक्षण दल ने हिमखंड टूटने वाले स्थान का लिया जायजा

आईटीबीपी के निरीक्षण दल ने हिमखंड टूटने वाले स्थान का लिया जायजा

(नीलाभ श्रीवास्तव)

नयी दिल्ली, 10 फरवरी आईटीबीपी की एक निरीक्षण टीम ने बुधवार को हिमखंड टूटने वाले उस स्थान का जायजा लिया जहां से उत्तराखंड में अचानक विकराल बाढ़ की शुरुआत हुई थी। वहीं, बल के प्रमुख एस एस देसवाल ने कहा कि तपोवन सुरंग के भीतर फंसे 30-35 श्रमिकों का पता लगाने का काम ‘तार्किक निष्कर्ष’ पर पहुंचने तक जारी रहेगा।

देसवाल ने पीटीआई-भाषा से कहा कि अर्द्धसैन्य बल को पूरी उम्मीद है कि श्रमिक ढांचे में हवा के लिए संभावित सुराख की मदद से 1500 मीटर लंबी घुमावदार सुरंग के भीतर सुरक्षित होंगे।

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रमुख ने कहा, ‘‘हमें पूरी आशा है कि हम उन्हें बचा लेंगे। श्रमिकों के तपोवन सुरंग के द्वार से करीब 180 मीटर की दूरी पर होने की संभावना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ तार्किंक निष्कर्ष तक पहुंचने और श्रमिकों का पता लगाने में चाहे जितना समय लगे हम अपना प्रयास आखिरी समय तक जारी रखेंगे। हमारे कर्मी फंसे हुए श्रमिकों का पता लगाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उस स्थान तक जल्द पहुंचने की संभावना है।’’

आईटीबीपी, एनडीआरएफ, राज्य आपदा मोचन बल और सेना के बचावकर्मियों की टीम ने 22-25 फुट ऊंची सुरंग के भीतर 120 मीटर तक गाद को हटा लिया है लेकिन लगातार गाद के आने से उनके प्रयासों में दिक्कतें आ रही है।

सुरंग के भीतर कैमरा लगे ड्रोन को भी उड़ाने का प्रयास किया गया लेकिन बचाव टीम को इससे कोई मदद नहीं मिली। सुरंग के भीतर तापमान 25-26 डिग्री सेल्सियस बताया जा रहा है।

डीजी ने कहा, ‘‘सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि फंसे हुए कर्मियों को सांस लेने के लिए ऑक्सीजन मिलती रहनी चाहिए...उन्हें पहनने के लिए जो परिधान दिए गए होंगे उसमें वो वहां के तापमान में जिंदा रह सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि आईटीबीपी की एक टीम ने हिमालय के ऊपरी क्षेत्र में उस स्थान का निरीक्षण किया जहां से हिमखंड टूटने के कारण अलकनंदा में अचानक विकराल बाढ़ आयी।

देसवाल ने कहा, ‘‘हम हिमखंड टूटने वाले स्थान की तस्वीरें और वीडियो वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के साथ साझा कर रहे है जो बेहतर आकलन कर पाएंगे कि किस तरह आपदा की शुरुआत हुई।’’

आईटीबीपी की निरीक्षण टीम ने एक हेलिकॉप्टर से हिमखंड टूटने वाले स्थान का जायजा लिया।

डीजी ने कहा कि सुरंग का मार्ग संकरा होने के कारण एक समय में केवल एक अर्थमूवर से ही मलबा हटाया जा सकता है। गाद बाहर करने के बाद ही बचावकर्मियों के लिए भीतर जाने का रास्ता बनेगा।

देसवाल ने कहा कि बल के एक उप महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में 450 जवान लगातार अभियान में जुटे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि रैनी गांव के पास कुछ पुल टूटने से चीन के साथ लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास आईटीबीपी की करीब पांच सीमा चौकियों का जमीनी मार्ग से संपर्क कट गया है। इन चौकियों के जवानों से संपर्क बना हुआ है और वहां करीब 400 जवानों के लिए राशन और अन्य जरूरी सामानों का भंडार है।

उत्तराखंड में बल के एक अधिकारी ने बताया कि आईटीबीपी की नए नयी टीम तपोवन बांध इलाके में लापता लोगों की तलाश कर रही है जहां रविवार को अचानक आयी बाढ़ से भारी तबाही हुई थी।

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Web Title: ITBP's inspection team reviewed the location of the iceberg break

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