बीजिंग को वायु प्रदूषण से निपटने में 15 साल लगे, हम दिल्ली में इससे कम समय में बेहतर बनाएंगेः जावड़ेकर
By भाषा | Published: November 22, 2019 02:58 PM2019-11-22T14:58:19+5:302019-11-22T14:58:19+5:30
लोकसभा में वायु प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन पर नियम 193 के तहत हुई चर्चा का जवाब देते हुए जावड़ेकर ने कहा, ‘‘ वायु प्रदूषण से निपटने के लिये जन आंदोलन की जरूरत है। यह कोई राजनीतिक सवाल नहीं है। इससे हम सभी को मिल कर निपटना है और इसके लिये सतत प्रयास जरूरी है।’’
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित देश में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति पर विभिन्न दलों द्वारा चिंता जताए जाने के बीच पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को कहा कि बीजिंग को वायु प्रदूषण से निपटने में 15 साल लगे, हम दिल्ली में इससे कम समय में वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाएंगे।
लोकसभा में वायु प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन पर नियम 193 के तहत हुई चर्चा का जवाब देते हुए जावड़ेकर ने कहा, ‘‘ वायु प्रदूषण से निपटने के लिये जन आंदोलन की जरूरत है। यह कोई राजनीतिक सवाल नहीं है। इससे हम सभी को मिल कर निपटना है और इसके लिये सतत प्रयास जरूरी है।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘बीजिंग को वायु प्रदूषण से निपटने में 15 साल लगे हैं, हम इससे कम समय में इसे (वायु प्रदूषण को) मात देंगे।’’ जावड़ेकर दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में वायु प्रदूषण के बारे में सदस्यों की चिंताओं पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इस समस्या पर काबू पाने के लिए सरकार ने विभिन्न कदम उठाए हैं और उनका असर भी हुआ है। केंद्रीय मंत्री ने इस दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि हर शहर की समस्या के अलग-अलग कारण हैं और उन्हें किसी एक तरीके से हल नहीं किया जा सकता, ऐसे में हम हर शहर के हिसाब से काम कर रहे हैं।
Delhi: Major pollutants PM 2.5 at 261 in 'Moderate' category and PM 10 at 249 in 'Moderate' category, in Lodhi Road area, according to the Air Quality Index (AQI) data. pic.twitter.com/3t9cExUYfM
— ANI (@ANI) November 22, 2019
उन्होंने कहा कि दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण के प्रबंधन के लिए सरकार ने कारणों पर आधारित दृष्टिकोण अपनाया है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण के कारणों में औद्योगिक उत्सर्जन, वाहन जनित उत्सर्जन, सड़क और मिट्टी की धूल, निर्माण और विध्वंस गतिविधियां, बायोमास और कचरा जलाना शामिल हैं। वाहनों से होने वाले प्रदूषण का जिक्र करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि एक अप्रैल 2020 से ईंधन के साथ साथ वाहनों में बीएस-6 मानक लागू किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सड़कों पर भीड़ को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और सड़कों में सुधार करने पर भी जोर दिया गया है। उन्होंने पौधारोपण पर जोर देते हुए कहा कि सभी सदस्यों की ऐसी ही राय थी। उन्होंने स्कूलों में बच्चों द्वारा नर्सरी लगाने के कार्यक्रम सहित विभिन्न कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि इस संबंध में जन आंदोलन बनाने की जरूरत है। जावड़ेकर ने कहा कि दुनिया के सिर्फ दो ही देशों- भारत और चीन में हरित क्षेत्र में वृद्धि हुयी है।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण पर काबू के लिए हम सब से जो प्रयास हो सकता है, करना चाहिए। उन्होंने देश के विभिन्न शहरों के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली सहित कई शहरों में यह 300 से ज्यादा है तो कई शहरों में यह 60 से भी कम है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वायु प्रदूषण की समस्या का व्यापक तरीके से हल करने के लिए जनवरी 2019 में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें 2017 को आधार वर्ष मानते हुए 2024 तक पीएम10 और पीएम2.5 को 20 से 30 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है।