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ट्विटर ने एक घंटे के लिए आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट किया ब्लॉक, जानें मामला

By सतीश कुमार सिंह | Updated: June 25, 2021 19:58 IST

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि ट्विटर देश के कानून द्वारा अनिवार्य व्यवस्था स्थापित करने से इनकार कर अपने उपयोगकर्ताओं (यूजर्स) की शिकायतें दूर करने में विफल रही है।

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ठळक मुद्देसूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद के खाते को करीब एक घंटे तक उपयोग से रोका।ट्विटर ने बाद में मुझे अपने खाते को उपयोग में लाने की अनुमति दी।ट्विटर की मनमानी, असहनशीलता को लेकर मैंने जो टिप्पणियां की है, स्पष्ट तौर पर यह उसकी झल्लाहट है।

नई दिल्लीः ट्विटर ने यूएस डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट कानून के कथित उल्लंघन को लेकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद के खाते को करीब एक घंटे तक उपयोग करने से रोक दिया।

ट्विटर ने दलील दी है उन्होंने ट्विटर की पॉलिसी का उल्लंघन किया है। लगभग एक घंटे के बाद उनके अकाउंट को कंपनी ने अनलॉक कर दिया। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री प्रसाद ने कहा कि ट्विटर की कार्रवाई आईटी नियमों का उल्लंघन है। कंपनी मेरे अपने खाते पर पहुंच से मना करने से पहले नोटिस देने में विफल रही।

चेतावनी के बाद खाते पर लगी रोक हटा ली

मंत्री ने अमेरिकी सोशल नेटवर्किंग कंपनी के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे मनमाना और आईटी नियमों का घोर उल्लंघन बताया। ट्विटर को आड़े हाथ लेते हुए प्रसाद ने अन्य सोशल मीडिया मंच कू पर लिखा कि ट्विटर का कदम आईटी नियमों का घोर उल्लंघन है क्योंकि ‘‘मंच मुझे मेरे खाते पर पहुंच से रोकने से पहले नोटिस देने में विफल रही।’’ बाद में चेतावनी के बाद खाते पर लगी रोक हटा ली गयी।

ट्विटर ने बाद में मुझे अपने खाते को उपयोग में लाने की अनुमति दी। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ट्विटर फ्री स्पीच का अगुआ नहीं, अपना एजेंडा चलाने में रुचि है। ट्विटर की कार्रवाई सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के नियम 4 (8) के घोर उल्लंघन है।

केंद्र ने कड़ी प्रतिक्रिया दी

पिछले कुछ महीनों में ट्विटर और भारत सरकार के बीच कई बार टकराव हुए जिनमें किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुआ टकराव शामिल है। दोनों के बीच तब भी टकराव की स्थिति बनी जब अमेरिकी कंपनी ने सत्तारूढ़ दल भाजपा के कई नेताओं के राजनीतिक पोस्ट को "मैनिपुलेटेड मीडिया" (तोड़ मरोड़)के तौर पर टैग कर दिया जिसपर केंद्र ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।

प्रसाद के अनुसार यह साफ है कि ट्विटर की मनमानी, असहनशीलता को लेकर मैंने जो टिप्पणियां की और खासकर टीवी चैनलों को दिये साक्षात्कार के हिस्से जो साझा किये गये उसके जबर्दस्त प्रभाव से स्पष्ट तौर पर यह झल्लाहट सामने आई है। मंत्री ने कहा, ‘‘दोस्तों! आज कुछ बहुत ही अनूठा हुआ।

भारत सरकार के साथ विवाद

ट्विटर ने संयुक्त राज्य अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट अधिनियम के कथित उल्लंघन के आधार पर लगभग एक घंटे तक मेरे खाते तक पहुंच को रोका और बाद में उन्होंने मुझे खाते के उपयोग की अनुमति दी।’’ आईटी मंत्री के ट्विटर खाते को ऐसे समय बाधित किया गया, जब अमेरिका की दिग्गज डिजिटल कंपनी का नए सोशल मीडिया नियमों को लेकर भारत सरकार के साथ विवाद चल रहा है।

सरकार ने जानबूझकर अवज्ञा करने और देश के नए आईटी नियमों का पालन करने में विफल रहने को लेकर ट्विटर को फटकार लगाई है। इसके कारण माइक्रोब्लॉगिंग मंच ने भारत में अपनी मध्यस्थ स्थिति खो दी है। ऐसे में किसी भी गैरकानूनी सामग्री को पोस्ट करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए वह जवाबदेह होगी।

प्रसाद ने नये आईटी नियमों का पालन नहीं करने के लिए ट्विटर की आलोचना की

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को देश के नये सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों की जानबूझकर अवहेलना करने और उनका पालन करने में विफल रहने के लिए ट्विटर की आलोचना की। इसके साथ ही ट्विटर ने भारत में मध्यस्थ प्लेटफार्म को मिलने वाली छूट हक खो दिया है और उपयोगकर्ताओं के किसी भी तरह की गैरकानूनी सामग्री डालने पर वह उसकी जिम्मेदार होगी।

ट्विटर ने कथित रूप से नये नियमों का पूरी तरह पालन नहीं किया। नये नियमों यानी मध्यस्थ दिशानिर्देशों के तहत सोशल मीडिया कंपनियों के लिए शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना और कानून प्रवर्तन के साथ समन्वय के लिए अधिकारी नियुक्त करना जरूरी है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि नये नियम 26 मई से लागू हो गए हैं।

ट्विटर ने अतिरिक्त समय समाप्त होने के बाद भी जरूरी अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की जिसके साथ उसने भारत में ‘संरक्षित प्रावधान’ के जरिए मिलने वाली रियायतों का अधिकार खो दिया है। प्रसाद ने कहा कि ट्विटर मध्यस्थ नियमों का पालन करने में विफल रहा और उसने कई अवसर मिलने के बावजूद ‘‘जानबूझकर’’ इनका पालन ना करने का रास्ता चुना।

उन्होंने कहा कि अगर किसी विदेशी इकाई को लगता है कि वह देश के कानून का पालन करने से बचने के लिए भारत में खुद को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के ध्वजवाहक के तौर पर पेश कर सकती है तो "इस तरह की कोशिशें व्यर्थ" हैं।

प्रसाद ने अलग-अलग सोशल मीडिया मंचों पर डाले गए पोस्ट में कहा, ‘‘ इस बात को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या ट्विटर संरक्षण प्रावधान की हकदार है। इस मामले का सामान्य तथ्य यह है कि ट्विटर 26 मई से लागू हुए मध्यस्थ दिशानिर्देशों का पालन करने में विफल रही है।’’

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