लाइव न्यूज़ :

जीसैट- 6ए से इसरो का संपर्क टूटा, प्रोजक्ट प्रमुख ने जताई ठीक होने की उम्मीद

By भाषा | Updated: April 2, 2018 04:56 IST

इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि शुरूआती डेटा से यह जाहिर होता है कि इसके ठीक होने की गुंजाइश है लेकिन उपग्रह से संपर्क स्थापित होना जरूरी है। 

Open in App

बेंगलुरू, 2 अप्रैलः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा है कि 29 मार्च को प्रक्षेपित किए गए जीसैट-6 ए उपग्रह के साथ उनका संपर्क टूट गया है और उससे फिर से संपर्क जोड़ने की कोशिश की जा रही है। साथ ही, शुरूआती डेटा से यह जाहिर हो रहा है कि इसके ठीक होने की गुंजाइश है। भारत का यह नया संचार उपग्रह ‘मिलिट्री एप्लीकेशन’ से लैस है। अंतरिक्ष एजेंसी का उपग्रह से उस वक्त संपर्क टूट गया, जब इसने तीसरे और आखिरी कदम के तहत ईंजन को चालू करने की कोशिश की ताकि उपग्रह को लक्षित स्थान तक पहुंचाया जा सके।

इसे आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से 29 मार्च को प्रक्षेपित किया गया था। इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने पीटीआई भाषा से कहा कि शुरूआती डेटा से यह जाहिर होता है कि इसके ठीक होने की गुंजाइश है लेकिन उपग्रह से संपर्क स्थापित होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब कभी गड़बड़ी होती है तो उपग्रह ‘सेफ मोड’ में चला जाता है और यह फौरन पहले वाली स्थिति में लौट आता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।

उन्होंने कहा, ‘‘एक बार हम संपर्क स्थापित कर लें, फिर हम आगे का कार्य कर पाएंगे।’’ सिवन ने स्थिति ठीक होने के संबंध में एक सवाल के जवाब में कहा कि फिलहाल शुरूआती डेटा से यह जाहिर हो रहा है कि हमारे पास गुंजाइश है, हम कोशिश कर रहे हैं।

अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि जीसैट - 6 ए को उसकी कक्षा में ऊपर उठाने का दूसरा ऑपरेशन शनिवार को सफलतापूर्वक किया गया था लेकिन एक अप्रैल को होने वाले तीसरे और आखिरी चरण में उपग्रह से संपर्क टूट गया। दरअसल, किसी उपग्रह को तीन चरणों में उसकी कक्षा में स्थापित किया जाता है। इसरो का मुख्यालय बेंगलुरू में है।

2,140 किग्रा वजन के जीसैट - 6ए को ‘जीएसएलवी - एफ 08’ रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया था। रॉकेट के तीसरे चरण में एक क्रायोजोनिक इंजन लगा हुआ था। उपग्रह का लक्ष्य दूर दराज में स्थित जमीनी टर्मिनलों के जरिए मोबाइल संचार में मदद करना है। इसरो उपग्रह को उसकी कक्षा में स्थापित करने के ऑपरेशन के बारे में अपनी वेबसाइट पर सामान्य तौर पर जानकारी देता है। लेकिन इसने आखिरी अपडेट 30 मार्च को दिया था। 

बहरहाल, इसरो ने यह नहीं बताया है क्या गड़बड़ी हुई है। हालांकि, रिपोर्टों से पता चलता है कि गड़बड़ी उपग्रह की ऊर्जा प्रणाली से संबद्ध है। इसरो अध्यक्ष के. सिवन के लिए यह पहला मिशन है जिन्होंने जनवरी में अंतरिक्ष एजेंसी की कमान संभाली थी। 

टॅग्स :भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन
Open in App

संबंधित खबरें

भारत"आज देश स्पेस सेक्टर में जो देख रहा वैसा पहले नहीं देखा...", स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस के उद्घाटन में बोले पीएम मोदी

भारतVIDEO: इसरो ने श्रीहरिकोटा से सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 लॉन्च किया

भारतISRO: आज फिर रचेगा इसरो इतिहास, संचार उपग्रह 'LVM3-M5' का होगा प्रक्षेपण

भारतकौन थे एकनाथ वसंत चिटनिस, विक्रम साराभाई के साथ भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की नींव?

भारतGaganyaan Mission: अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि की ओर बढ़ता भारत

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई