ISRO Launch LIVE Updates: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) शनिवार को अपने उन्नत मौसम उपग्रह, INSAT-3DS के प्रक्षेपण के लिए तैयारी कर रहा है। तीसरी पीढ़ी के मौसम विज्ञान उपग्रह कई मामलों में आगे है। यह मिशन, GSLV-F14/INSAT-3DS, पूरी तरह से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के विभिन्न विभाग जैसे भारत मौसम विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र और विभिन्न एजेंसियों और संस्थानों को बेहतर मौसम पूर्वानुमान और मौसम संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए इनसैट-3डीएस द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा से लाभ मिलेगा। इनसैट-3डीएस का जीवन काल लगभग 10 वर्ष होने की उम्मीद है।
INSAT-3DS क्या है? मिशन का उद्देश्य मौजूदा उपग्रहों इनसैट-3डी और इनसैट-3डीआर को उन्नत मौसम संबंधी जानकारियों के लिए निरंतर सेवाएं प्रदान करना, मौसम पूर्वानुमान, भूमि व महासागर सतहों की निगरानी कर आपदा संबंधी चेतावनियां देना, उपग्रह सहायता प्राप्त अनुसंधान और बचाव सेवाएं प्रदान करना है। 6-चैनल इमेजर और 19-चैनल साउंडर सहित अत्याधुनिक पेलोड से सुसज्जित, INSAT-3DS शीर्ष स्तर का मौसम संबंधी डेटा संग्रह सुनिश्चित करता है।
INSAT-3DS मिशन लॉन्च की तारीख और समयः सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से शनिवार को पूर्व-निर्धारित समय शाम 5:35 बजे उपग्रह का प्रक्षेपण होना है। इससे पहले शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे इसकी उलटी गिनती शुरू हो गई थी। लगभग 20 मिनट की उड़ान के बाद, 2,274 किलोग्राम वजन वाले उपग्रह भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली (इनसैट) को जीएसएलवी रॉकेट से अलग किए जाने की उम्मीद है। जीएसएलवी के 16वें मिशन का लक्ष्य इन्सैट-3डीएस मौसम उपग्रह को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में स्थापित करना है।
इसरो के INSAT-3DS मिशन को लाइव कहां देखें? शाम 5 बजे से इसरो के सोशल मीडिया चैनलों और वेबसाइट पर लाइव देखा जा सकता है। इसरो का INSAT-3DS मिशन लाइव स्ट्रीम लिंक वेबसाइट https://isro.gov.in फेसबुक https://facebook.com/ISRO/ यूट्यूब https://youtube.com/watch?v=jynmNenneFk डीडी नेशनल टीवी चैनल।
इसरो के INSAT-3DS मिशन के उद्देश्य क्या हैं?
1. पृथ्वी की सतह पर नज़र रखें और विभिन्न महत्वपूर्ण मौसम संबंधी दृश्यों का उपयोग करके महासागरों और पर्यावरण का निरीक्षण करें।
2. ऊर्ध्वाधर प्रोफाइल के माध्यम से विभिन्न वायुमंडलीय स्थितियों पर जानकारी प्रदान करें।
3. डेटा संग्रह प्लेटफ़ॉर्म (डीसीपी) से डेटा संग्रह और साझाकरण प्रबंधित करें।
4. खोज और बचाव सेवाओं का समर्थन करें विस्तार से।
इसरो प्रमुख ने इनसैट-3डीएस के प्रक्षेपण से पहले आंध्र प्रदेश में मंदिर के दर्शन किए
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने जियोसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) रॉकेट से इनसैट-3डीएस मौसम उपग्रह के प्रक्षेपण से पहले शनिवार को नेल्लोर जिले में श्री चेंगलम्मा परमेश्वरी मंदिर के दर्शन किए और मिशन की सफलता की कामना की। सोमनाथ सुबह कुछ अन्य अधिकारियों के साथ एक अनुष्ठान में शामिल होने के लिए सुल्लुरपेटा में स्थित मंदिर पहुंचे और भगवान की मूर्ति पर पुष्प अर्पित किए। सोमनाथ ने पत्रकारों से कहा, “मैं इस मिशन की सफलता के लिए चेंगलम्मा भगवती का आशीर्वाद लेने के लिए आज यहां आया हूं।”
इसरो प्रमुख ने कहा कि मौसम विज्ञान उपग्रह का प्रक्षेपण आज शाम 5:35 बजे निर्धारित है। इस मिशन का उद्देश्य मौसम, जलवायु और चक्रवातों पर नजर रखना है। प्रक्षेपण से पहले इसरो के अधिकारियों के इस मंदिर के दर्शन की परंपरा 15 वर्ष से जारी है। सोमनाथ ने चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1 मिशन की पूर्व संध्या पर भी मंदिर के दर्शन किए थे।