UP PCS (J) परीक्षा में हुई गड़बड़ी, आयोग ने कोर्ट में स्वीकारा, मेन्स एग्जाम में बदली गई 50 कॉपियां
By आकाश चौरसिया | Updated: July 2, 2024 16:05 IST2024-07-02T15:34:37+5:302024-07-02T16:05:02+5:30
UP PCS (J) 2022 Recruitment: नीट-यूजी, पीजी 2024 और UGC नेट पेपर लीक के बाद अब यूपी में पीसीएस जे के एग्जाम में गड़बड़ी की खबर को लेकर पुष्टि हुई है। कोर्ट में आयोग ने माना कि मेन्स परीक्षा में 50 कॉपियां बदली गई हैं।

फाइल फोटो
UP PCS (J) 2022 Recruitment: नीट-यूजी, पीजी 2024 और यूजीसी नेट पेपर लीक के बाद एक और ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश से सामने आया है। उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमिशन ने अब प्रयागराज कोर्ट में माना है कि यूपीपीएससी जज की रिक्रूटमेंट एग्जाम में अनियमितता हुई है। इस केस में श्रवण कुमार पांडे नाम के कैंडिडेट की याचिका पर सुनवाई में कमिशन ने प्रयागराज कोर्ट में माना कि गलत कोडिंग के कारण 50 उत्तर पुस्तिका बदल दी गई।
जांच के बाद पता चला कि आयोग ने उन पांच अधिकारियों और इसमें शामिल कर्मचारियों पर कड़ा एक्शन लिया है, जो यूपीपीएससी पीसीएस सिविल जज 2022 मुख्य परीक्षा, जिसे आमतौर पर पीसीएस (जे) मेन्स 2022 के रूप में जाना जाता है। इस दौरान गलत कोडिंग के कारण उत्तर पुस्तिकाओं की 50 कॉपियों को अदला-बदला गया। यूपीपीएससी सचिव अशोक कुमार ने सोमवार को बताया कि इस मामले की जांच में लापरवाही बरतने का दोषी पाए जाने में अधिकारी शिवशंकर सिंह, समीक्षा अधिकारी नीलम शुक्ला और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को निलंबित कर दिया गया है।
इस दौरान एक और निर्णय लिया गया कि जहां विभागीय कार्रवाई भी हुई और डिप्टी सेक्रेटरी सतीश चंद्र मिश्रा को इसका सामना करना पड़ा। वहीं, आयोग ने सरकार से अनुमति मांगी है कि रिटायर्ड सहायक रिव्यू अधिकारी चंद्रकाला के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है। उनपर आरोप लगे हैं कि पीसीएस उत्तर पुस्तिका से छेड़छाड़ की गई और रिश्वत लेकर कैंडिडेट्स को पासिंग मार्क दिए गए।
अभ्यर्थी श्रवण कुमार की RTI के बाद पता चला
यूपी पीसीएस (जे) 2022 परीक्षा से जुड़ा मामला तब सामने आया, जब कैंडिडेट श्रवण कुमार ने आरटीआई फाइल की। उम्मीदवार ने इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और मामले की जांच के लिए मांग की, जिसके बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर कॉपियों की जांच के बाद अदला-बदली की पुष्टि हुई।
अब अगली सुनवाई 8 जुलाई को
पुष्टि होने के बाद, डिप्टी सेक्रेटरी ने हलफनामा दाखिल किया, जिसमें घोषणा की गई कि अनियमितता वाले उम्मीदवारों के परिणाम 3 अगस्त तक घोषित किए जाएंगे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ जिसमें न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता शामिल थे, जो श्रवण पांडे की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। हालांकि, मामला गंभीर है और लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को शपथ पत्र देने का निर्देश दिया गया है। अब याचिका पर अगली सुनवाई 8 जुलाई को होनी है।