चंडीगढ़ः लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार के परिवार से मिले। चंडीगढ़ स्थित उनके आवास पर पहुंचकर पत्नी और परिवार से मुलाकात की और सांत्वना दी। इस बीच डीजीपी शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया गया है और ओपी सिंह को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है। हरियाणा सरकार ने आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी वाई पूरण कुमार की कथित आत्महत्या मामले को लेकर भाजपा सरकार पर विपक्ष के हमले और कुमार के परिवार की ओर से आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जेटली ने कहा, ‘‘हां, सरकार ने डीजीपी को छुट्टी पर भेज दिया है।’’
चंडीगढ़ में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कुमार के परिवार से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री से आईपीएस पूरण कुमार की आत्महत्या के मामले तुरंत कार्रवाई करने को कहा है, यह सभी दलित परिवारों के बारे में है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को हरियाणा के आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी दिवंगत वाई पूरण कुमार के परिवार से मुलाकात की। कुमार ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। यहां हवाई अड्डे पर उतरने के बाद गांधी पूर्वाह्न 11 बजकर आठ मिनट पर कुमार के आवास पर संवेदना व्यक्त करने पहुंचे।
गांधी का यह दौरा कुमार की कथित आत्महत्या को लेकर हरियाणा सरकार पर विपक्ष के बढ़ते हमले के बीच हुआ है। 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार (52 वर्ष) ने सात अक्टूबर को कथित तौर पर खुद को गोली मार ली थी। कुमार ने कथित तौर पर आठ पन्नों का अंतिम नोट छोड़ा था।
जिसमें हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर और अब स्थानांतरित रोहतक पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र बिजारणिया सहित आठ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर ‘‘जाति-आधारित भेदभाव, लक्षित मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार’’ का आरोप लगाया गया है। आईपीएस अधिकारी की पत्नी एवं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार ने मांग की है कि कपूर और बिजारणिया का नाम उनके पति को आत्महत्या के लिए कथित तौर पर उकसाने के लिए प्राथमिकी में दर्ज किया जाए।
अधिकारी का परिवार आरोपी अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है। परिवार ने अपनी मांगों के पूरा होने तक पोस्टमार्टम और दाह संस्कार के लिए सहमति देने से इनकार कर दिया है। विभिन्न पार्टियों के नेता पार्टी लाइन से ऊपर उठकर अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए चंडीगढ़ में कुमार के परिवार से मिलने आ रहे हैं।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 2001 बैच के अधिकारी कुमार ने सात अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास पर कथित तौर पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने आठ पन्नों का ‘अंतिम नोट’ छोड़ा था, जिसमें हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और रोहतक के पूर्व पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र बिजारणिया सहित आठ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर ‘जातिगत भेदभाव, लक्षित मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान तथा अत्याचार’ का आरोप लगाया गया है।
बिजारणिया का शनिवार को तबादला कर दिया गया था। कुमार की पत्नी और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी अमनीत पी कुमार ने अपने पति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में कपूर और बिजारणिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। कुमार का अब तक पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार नहीं किया गया है।
क्योंकि परिजनों ने उनकी मांगें पूरी न होने तक इसके लिए सहमति देने से इनकार कर दिया है। हरियाणा सरकार और चंडीगढ़ के अधिकारी कुमार की पत्नी को मनाने का प्रयास कर रहे हैं। इस बीच, सोमवार को कई विपक्षी नेता कुमार के सेक्टर-24 स्थित आवास पहुंचे जिनमें तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क, रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, इनेलो प्रमुख अभय सिंह चौटाला और पंजाब के वित्त मंत्री एवं ‘आप’ नेता हरपाल सिंह चीमा शामिल हैं। उन्होंने कुमार की मौत पर शोक जताते हुए परिवार के लिए न्याय सुनिश्चित करने की मांग की।
तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री विक्रमार्क ने कहा कि वह दक्षिणी राज्य से ताल्लुक रखने वाले कुमार के परिवार को सांत्वना देने के लिए चंडीगढ़ आए हैं। उन्होंने कथित आत्महत्या को ‘बेहद दुखद’ बताया और सरकार से मांग की कि कुमार के ‘अंतिम नोट’ में जिन अधिकारियों का जिक्र है, उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए। विक्रमार्क ने कहा, ‘वाई पूरण कुमार ने अपनी जान दे दी।
उन्होंने अपने ‘अंतिम नोट’ में खास तौर पर दो अधिकारियों, हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के तत्कालीन एसपी नरेंद्र (बिजारणिया) का जिक्र किया और कहा कि दोनों ने उन्हें परेशान एवं अपमानित किया तथा उनकी आत्महत्या का मूल कारण वे ही हैं।’ विक्रमार्क ने मांग की कि सरकार कुमार के ‘अंतिम नोट’ पर तुरंत कार्रवाई करे और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ उचित कदम उठाए।
आईपीएस अधिकारी आत्महत्या: हरियाणा में पुलिस को निरंतर निगरानी के आदेश
हरियाणा सरकार ने आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी वाई. पूरण कुमार की कथित आत्महत्या के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर पुलिस से कड़ी निगरानी रखने और सद्भाव बनाए रखने को कहा है। सरकार ने कहा है कि अधिकारियों को किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए।
सामान्य प्रशासन विभाग (राजनीतिक शाखा-1) द्वारा 12 अक्टूबर को मुख्य सचिव की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक, सभी संभागीय आयुक्तों, सभी उपायुक्तों और सभी आयुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी किए गए।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 2001 बैच के अधिकारी कुमार ने सात अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास पर कथित तौर पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने आठ पन्नों का ‘अंतिम नोट’ छोड़ा था, जिसमें हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और रोहतक के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र बिजारणिया सहित आठ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर ‘जातिगत भेदभाव, निशाना बनाकर मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान तथा अत्याचार’ का आरोप लगाया गया है।
हरियाणा सरकार ने कुमार की कथित आत्महत्या मामले को लेकर विपक्ष के हमले और कुमार के परिवार की ओर से आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर को सोमवार रात छुट्टी पर भेज दिया।
सरकारी आदेश में कहा गया, ‘‘हरियाणा सरकार के एडीजीपी, आईपीएस श्री वाई. पूरण कुमार के दुर्भाग्यपूर्ण निधन के बाद हाल ही में सामने आई घटनाओं के संदर्भ में सभी जिलों और संभागों में कड़ी निगरानी बनाए रखने और सांप्रदायिक सद्भाव सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता है।’’
इसमें कहा गया कि सभी संबंधित अधिकारियों को स्थानीय संगठनों और सामुदायिक नेताओं के साथ घनिष्ठ समन्वय बनाए रखने, स्थिति की निरंतर निगरानी करने और शांति एवं सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक सभी उपाय शुरू करने का निर्देश दिया जाता है। आदेश में कहा गया, ‘‘सौहार्द बिगाड़ सकने वाली किसी भी घटना को तुरंत रोका जाना चाहिए और समीक्षा के लिए समय पर रिपोर्ट पेश की जानी चाहिए।’’ आदेश में क्षेत्रीय अधिकारियों से कहा गया है कि वे ‘‘ किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने के वास्ते तत्पर और तैयार रहें।’’
इसमें कहा गया, ‘‘ कृपया सभी हितधारकों के साथ निकट संपर्क में रहें और प्रभावी कानून-व्यवस्था प्रबंधन के लिए संबंधित अधिकारियों को पूर्ण सहयोग प्रदान करें।’’ कई दलित संगठनों और कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने आत्महत्या मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया है।