ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का डायरेक्टर नियुक्त किया गया। ऋषि कुमार शुक्ला को दो साल के लिए सीबीआई चीफ नियुक्त किया गया है। ऋषि कुमार शुक्ला 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी है। पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने जनवरी 2019 में अपने पद से इस्तीफा दिया था। आलोक वर्मा के बाद आईपीएस अधिकारी एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेश बनाया गया था।
सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति हाई पावर्ड कमिटी में होती है। जिसमें प्रधानमंत्री लोकसभा में विपक्ष के नेता और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया शामिल होते हैं। ऋषि कुमार शुक्ला मध्यप्रदेश के डीजीपी भी रह चुके हैं। हाई पावर्ड चयन समिति के पास सीबीआई निदेशक के लिए 30 और नाम थे।
सीबीआई (CBI) चीफ आलोक वर्मा को हटाने के पक्ष में नहीं थे मल्लिकार्जुन खड़गे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति ने 10 जनवरी के मैराथन बैठक के बाद आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया। उन्हें भ्रष्टाचार और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के आरोपों में पद से हटाया गया। अधिकारियों ने बताया कि वर्मा का दो वर्षों का निर्धारित कार्यकाल 31 जनवरी को समाप्त होने वाला था। सीबीआई के 55 वर्षों के इतिहास में इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले जांच एजेंसी के वह पहले प्रमुख हैं।
CBI VS CBI विवाद आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना क्यों भेजे गए छुट्टी पर?
आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच तकरार शुरू होने के बाद मोदी सरकार ने दोनों को छुट्टी पर भेज दिया था और उनके सारे अधिकार ले लिये थे। उसके बाद 1986 बैच के ओड़िशा काडर के आईपीएस अधिकारी नागेश्वर राव को 23 अक्टूबर, 2018 को देर रात को सीबीआई निदेशक के दायित्व और कार्य सौंपे गये थे।
केन्द्र सरकार ने इसके लिए तर्क दिया था कि ये दोनों अधिकारी अपने ही ऊपर लगे केस की जांच नहीं कर सकते हैं। इसके बाद सीबीआई के नंबर एक अधिकारी के रूप में नागेश्वर राव को नया अंतरिम निदेशक बनाया था।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्टूबर को सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा की अर्जी पर सुनवाई करने पर सहमत हो गया था। इसकी पहली सुनवाई 26 अक्टूबर को हुई। वर्मा ने खुद को छुट्टी पर भेजे जाने और सारे अधिकार वापस ले लिए जाने के केंद्र के फैसले को चुनौती दी थी।