आईएनएक्स मीडिया : निचली अदालत के आदेश के खिलाफ सीबीआई की याचिका खारिज
By भाषा | Published: November 10, 2021 01:03 PM2021-11-10T13:03:48+5:302021-11-10T13:03:48+5:30
नयी दिल्ली, 10 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया मामले में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति चिदंबरम और अन्य आरोपियों को दस्तावेजों के निरीक्षण की अनुमति देने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका बुधवार को खारिज कर दी।
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एक विशेष न्यायाधीश के पांच मार्च के उस आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया था जिसमें एजेंसी को आरोपियों या उनके वकीलों को ‘मालखाने’ में रखे गए दस्तावेजों के निरीक्षण की अनुमति देने का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की एकल पीठ ने कहा, ‘‘याचिका खारिज की जाती है।’’
जांच एजेंसी ने दस्तावेजों के निरीक्षण का इस आधार पर विरोध किया था कि आईएनएक्स मीडिया मामले में जांच अभी भी जारी है, और दस्तावेजों के निरीक्षण के परिणामस्वरूप सबूतों से छेड़छाड़ हो सकती है। इस मामले में चिदंबरम आरोपी हैं।
उच्च न्यायालय में दायर याचिका में सीबीआई ने कहा था कि आईएनएक्स मीडिया मामला समाज में उच्च स्तर के भ्रष्टाचार से संबंधित है और अभियुक्तों को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है लेकिन समाज के सामूहिक हित को प्रभावित नहीं किया जा सकता है।
सीबीआई ने कहा था, ‘‘एक निष्पक्ष सुनवाई वह नहीं है जो आरोपी निष्पक्ष सुनवाई के नाम पर चाहते है। हालांकि प्रतिवादियों/अभियुक्तों की निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन नहीं किया गया था, क्योंकि याचिकाकर्ता (सीबीआई) द्वारा आधार बनाए गए सभी दस्तावेज प्रतिवादियों/अभियुक्तों को उपलब्ध कराए गए थे।’’
उच्च न्यायालय ने चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति से जुड़े, सीबीआई के आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में मुकदमे की कार्यवाही पर 18 मई को रोक लगा दी थी।
अदालत ने सीबीआई की याचिका पर नोटिस भी जारी कर चिदंबरम तथा अन्य से जवाब मांगा था।
सीबीआई ने 15 मई, 2017 को मामला दर्ज किया था। मामला चिदंबरम के वित्तमंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में अनियमितताओं के आरोपों से संबंधित है।
इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन का मामला दर्ज किया था। इस मामले में पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम जमानत पर हैं।
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