लाइव न्यूज़ :

सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही फैसले पर जताई आपत्ति, पीठ ने कहा- अनुशासन के बिना SC खो देगा अस्तित्व

By रामदीप मिश्रा | Updated: February 22, 2018 13:43 IST

न्यायमूर्ति एमबी लोकुर, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने आठ फरवरी को दिए गए अन्य तीन न्यायाधीशों की पीठ के फैसले की आलोचना की।

Open in App

नई दिल्ली, 22 फरवरीः सुप्रीम कोर्ट (एससी) ने बुधवार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर न्यायिक अनुशासन और औचित्य को बनाए नहीं रखा गया तो यह संस्था (न्यायपालिका) अपना अस्तित्व खो देगी। एससी की यह नाराजगी भूमि अधिग्रहण पर दिए गए 8 फरवरी को खुद के फैसले पर जाहिर की गई है और इस फैसले पर रोक लगा दी है। 

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, न्यायमूर्ति एमबी लोकुर, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने आठ फरवरी को दिए गए अन्य तीन न्यायाधीशों की पीठ के फैसले की आलोचना की, जिसमें पांच साल की अवधि में मुआवजा नहीं लिए जाने पर भूमि अधिग्रहण को रद्द न करने के फैसले पर सवाल खड़े किए।

खंडपीठ ने कहा कि शायद एक निष्कर्ष पर पहुंचने में न्यायिक अनुशासन के साथ छेड़छाड़ की गई है क्योंकि इस मुद्दे पर मतभेद के मामले में एक बड़ी पीठ के पास जाना चाहिए था, जैसा कि एक 2014 के फैसले में कहा गया था कि मुआवजे का भुगतान नहीं होने पर भूमि अधिग्रहण को रद किए जाने का आधार बनता है। 

उन्होंने न्यायपालिका की ओर इशारा करते हुए कहा कि एक प्रणाली मौजूद है, यदि आप इसके साथ छेड़छाड़ शुरू करते हैं तो यह बंद नहीं होगा। यह संस्थान हमेशा चलेगा। इसके लिए ज्ञान होना चाहिए और उचित तरीके का पालन करना पड़ेगा। हर संस्था विशेष पद्धति पर काम करती है। वहीं इस मामले में सात मार्च को सुनवाई होगी।

गौरतलब है कि 8 फरवरी को न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की बेंच ने आदेश दिया था कि जमीन अधिग्रहण के मामले में अगर एक बार मुआवजे की राशि को बिना शर्त भुगतान किया गया है और जमीन मालिक द्वारा इसे अस्वीकार कर दिया गया है तो भी उसे भुगतान माना जाएगा। हालांकि न्यायमूर्ति एमबी लोकुर की पीठ ने इस फैसले पर रोक लगा दी है।

टॅग्स :सुप्रीम कोर्ट
Open in App

संबंधित खबरें

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतआपको बता दूं, मैं यहां सबसे छोटे... सबसे गरीब पक्षकार के लिए हूं, जरूरत पड़ी तो मध्य रात्रि तक यहां बैठूंगा, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

भारतसुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना को सफलता की कहानियों वाले दिव्यांग लोगों को शो में बुलाने और इलाज के लिए पैसे जुटाने का दिया निर्देश

भारत"कोर्ट के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है...", दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

भारत अधिक खबरें

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक