उद्योगपति जलवायु परिवर्तन से मुकाबले के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करें : जावड़ेकर

By भाषा | Updated: November 5, 2020 18:10 IST2020-11-05T18:10:25+5:302020-11-05T18:10:25+5:30

Industrialists should work with government to combat climate change: Javadekar | उद्योगपति जलवायु परिवर्तन से मुकाबले के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करें : जावड़ेकर

उद्योगपति जलवायु परिवर्तन से मुकाबले के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करें : जावड़ेकर

नयी दिल्ली, पांच नवंबर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बृहस्पतिवार को इस्पात, सीमेंट, बिजली और औषधि क्षेत्रों के प्रमुख उद्योगपतियों से अपील की कि वे जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने में सरकार के साथ मिल कर काम करें और पेरिस जलवायु समझौते के तहत निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में भारत की मदद करें।

मंत्री की अपील के बाद उद्योगपतियों ने जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने के उद्देश्य से सरकार के साथ काम करने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करने तथा नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए उपायों का पालन कर स्थायी अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण करने का संकल्प लिया।

जावड़ेकर ने जलवायु परिवर्तन पर ‘इंडिया सीईओ फोरम’ की डिजिटल बैठक को संबोधित करते हुए कंपनियों से अनुरोध किया कि वे पर्यावरण मंत्रालय को सालाना आधार पर अपने आंतरिक रोडमैप और लक्ष्य मुहैया कराएं तथा और जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के तहत निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में शामिल हों।

बैठक में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, टेक महिंद्रा, डालमिया सीमेंट, अंबुजा सीमेंट, डॉ रेड्डीज, सन फार्मा और अडाणी ट्रांसमिशन सहित विभिन्न कंपनियों के सीईओ और शीर्ष प्रबंधकों ने भाग लिया।

जावड़ेकर ने उद्योगपतियों से कहा कि वे "कप्तान" हैं जो भारत की कार्रवाई को आकार प्रदान करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अपील करता हूं और मुझे भरोसा है कि कारखाने उत्सर्जन कम कर रहे हैं और अपने परिसरों में अधिक हरियाली ला रहे हैं। पानी बचाने के लिए नयी तकनीकों के उपयोग और (वृद्धि) ऊर्जा दक्षता भी चिंता का एक विषय है जिसका आप ध्यान रख रहे हैं। आप (सीईओ) कप्तान हैं। यह सीईओ का फोरम है। आप भारत के कार्यों को आकार प्रदान करेंगे।’’

उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने के महत्व के बारे में कहा कि भारत पेरिस समझौते के तहत अपने राष्ट्रीय निर्धारित योगदान (एनडीसी) को प्राप्त करने की दिशा में अच्छा काम कर रहा है।

जावड़ेकर ने कहा, "जलवायु परिवर्तन दुनिया भर में चर्चा के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है और इस पर वैश्विक कार्रवाई की आवश्यकता है। न केवल किसी एक देश, बल्कि सभी देशों को उस दिशा में काम करना होगा। इसलिए पेरिस में हमने वर्ष 2100 तक तापमान में वृद्धि को दो डिग्री तक सीमित रखने का फैसला किया। इसके लिए भारत सहित हर देश ने अपने एनडीसी घोषित किए।’’

भारत जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र ढांचे के तहत पेरिस समझौते का एक हस्ताक्षरकर्ता है।

अर्थव्यवस्था के संदर्भ में जावड़ेकर ने कहा कि लॉकडाउन के बाद यह सामान्य स्थिति में लौट रही है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि लोग कोविड-19 से बचाव के लिए सावधानी जारी रखेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘महामारी के दौरान, अच्छी खबर यह है कि अर्थव्यवस्था सामान्य स्थिति में लौट रही है। एक महीने के भीतर, विनिर्माण गतिविधियां अपने उच्च स्तर पर पहुंच जाएंगी, हम ऐसी उम्मीद करते हैं। मुझे उम्मीद है कि देश में महामारी की कोई दूसरी या तीसरी लहर नहीं है और लोग संयम बरतेंगे और सावधानी रखेंगे।’’

उन्होंने कहा कि अच्छी खबर यह है कि अक्टूबर में बिजली की खपत या मांग में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अक्टूबर 2020 में जीएसटी संग्रह अक्टूबर 2019 से अधिक है। रेलवे मालभाड़ा में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

जावड़ेकर ने कहा, "ये सभी संकेतक हैं कि लोगों के हाथों में पैसा है और हम ग्रामीण तथा शहरी दोनों क्षेत्रों में जीवंतता देखते हैं। मुझे भरोसा है कि भारत दुनिया को बताएगा कि महामारी से किस प्रकार से निपटा जाता है। यूरोप और अमेरिका में हम जो देखते हैं, वह चिंताजनक है और मुझे उम्मीद है कि भारत दुनिया को रास्ता दिखाएगा।

Web Title: Industrialists should work with government to combat climate change: Javadekar

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