शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने इंदिरा गांधी को लेकर दिए गए बयान पर माफी मांग ली है। इसके बाद कांग्रेस ने कहा है कि अब मामला शांत हो गया है। हालांकि कांग्रेस ने संजय राउत को आगाह किया है कि वह भविष्य में इस तरह की टिप्पणी न करें और सावधान रहें। बता दें कि महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन से शिवसेना की उद्धव ठाकरे सरकार चल रही है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, संजय राउत के बयान पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री व कांग्रेस के कद्दावर नेता बालासाहेब थोराट ने कहा, 'उनका (संजय राउत) बयान गलत था, लेकिन उन्होंने इसे वापस ले लिया इसलिए यह मामला समाप्त हो गया। उन्हें भविष्य में सावधान रहना चाहिए। हमने उन्हें (उद्धव ठाकरे को) इससे अवगत कराया था।
संजय राउत ने अपने बयान को लेकर कहा कि हमारे कांग्रेस के दोस्तों को आहत होने की जरूरत नहीं है। अगर किसी को लगता है कि मेरे बयान से इंदिरा गांधी जी की छवि को धक्का पहुंचा है या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं अपने बयान को वापस लेता हूं।
राउत ने लोकमत मीडिया समूह के पुरस्कार समारोह के दौरान साक्षात्कार में कहा था कि वे तय करते थे कि पुलिस आयुक्त कौन बनेगा, मंत्रालय (सचिवालय) में कौन बैठेगा। राउत ने दावा किया था कि हाजी मस्तान के मंत्रालय में आने पर पूरा मंत्रालय उसे देखने के लिए नीचे आ जाता था। इंदिरा गांधी पाइधोनी (दक्षिण मुंबई में) में करीम लाला से मिलने आती थीं।
राउत की पार्टी ने पिछले साल महाराष्ट्र में राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनायी है। 1960 के दशक से 1980 के दशक तक मुंबई में शराब की तस्करी, जुआ और जबरन वसूली रैकेट चलाने वाले लाला की 2002 में मृत्यु हो गई थी।
शिवसेना के राज्यसभा सदस्य ने कहा था कि वे अंडरवर्ल्ड के दिन थे। बाद में, हर कोई (डॉन) देश छोड़कर भाग गया। अब ऐसा कुछ नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या अंडरवर्ल्ड के लोगों ने फोटो खिंचवाई, राउत ने दावा किया था कि उन्होंने दाऊद इब्राहिम सहित कई गैंगस्टरों की तस्वीरें खींची थीं। शिवसेना नेता ने यह भी दावा था किया कि उन्होंने एक बार दाऊद इब्राहिम को फटकार लगाई थी।