इंडिगो स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड: मुख्य साजिशकर्ता, शूटर हथियार के साथ गिरफ्तार
By भाषा | Updated: February 3, 2021 19:29 IST2021-02-03T19:29:01+5:302021-02-03T19:29:01+5:30

इंडिगो स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड: मुख्य साजिशकर्ता, शूटर हथियार के साथ गिरफ्तार
पटना, तीन फरवरी पटना पुलिस ने निजी एयरलाईंस इंडिगो के स्थानीय स्टेशन प्रबंधक रूपेश सिंह की हत्या के मामले में बुधवार को मुख्य साजिशकर्ता एवं शूटर को गिरफ्तार करने के साथ दावा किया कि यह वारदात रोड रेज के चलते अंजाम दी गयी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि 12 जनवरी की संध्या करीब सात बजे कुछ अज्ञात हथियारबन्द अपराधियों ने सिंह पर पुनाईचक स्थित कुसुम विलास अपार्टमेंट के पास ताबड़तोड़ गोलिया चलाकर उनकी हत्या कर दी थी । वह जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा से वापस घर लौट रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस मामले में शास्त्रीगगर थाना में भादंस की धाराओं-- 302 एवं 120 बी तथा हथियार कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज किए जाने के साथ एक विशेष टीम का गठन कर जांच शुरू की गयी ।
शर्मा ने कहा कि जांच के आधार पर रितु राज नामक अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया जिसने रूपेश हत्याकांड के संबंध में अपनी एवं अपने साथियों की संलिप्तता स्वीकार की ।
उन्होंने बताया कि राज ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि वह लम्बे समय से मोटरसाइकिल चोरी के अपराध में संलिप्त रहा है, उसे मंहगी गाड़ियों, कपड़ों आदि का शौक है । रितु राज के अनुसार वह शुरू से गुस्सैल प्रवृत्ति का है, जिससे वह मुहल्ले में छोटे-मोटे दबंग के रूप में पहचाना जाता है ।
शर्मा ने कहा कि रितु राज ने पुलिस को बताया कि पिछले साल नवम्बर के अंत में वह पटेल गोलम्बर से एयरपोर्ट की ओर जा रहा था एवं दूसरी ओर से सिंह की गाड़ी आ रही थी । अचानक इसने यू टर्न लिया तो दोनों की गाड़ी टकराते-टकराते बची। इस पर वह रूपेश से उलझ गया एवं इनके बीच गाली-गलौज एवं धक्का-मुक्की हुई, इस पर सिंह ने इसे प्रशासन को सौंपने को बात कही । चूंकि उस समय इसके पास चोरी की सफेद अपाचे मोटरसाइकिल थी इसलिए वह उस समय चुप रह गया एवं उसने माफी मांग ली ।
उन्होंने कहा कि बदले की भावना से राज ने यह प्रण किया कि वह रूपेश को सबक सिखाके ही दम लेगा ।
शर्मा ने कहा कि राज ने अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर रूपेश को मारने का चार बार प्रयास किया । पर कभी पुलिस गश्ती के पहुँच जाने तथा कभी रूपेश सिंह को तेज गाडी चलाने की वजह से वह सफल नहीं हो पाया और अन्ततः
12 जनवरी को वह अपनी मंशा में सफल हो गया।
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