आने वाले दिनों में पाकिस्तान के प्रति भारत के स्टैंड में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। भारत की ओर से रिश्तों में नरमी की संभावनाएं के साफ संकेत मिल रहे हैं। गुरुवार को भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है कि हमने कहा था कि आतंक और बातचीत एकसाथ नहीं चल सकते लेकिन आतंकवाद को खत्म करने के लिए बातचीत तो चल सकती है। रवीश कुमार ने भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की मुलाकात की बात भी कबूल की है।
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल ने पाकिस्तानी समकक्ष नसीर खान जुंजुआ से बीते 26 दिसंबर को थाइलैंड में मुलाकात की थी। हालांकि इस मुलाकात के बाद भारत ने कोई बयान जारी नहीं किया था लेकिन गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मुलाकात को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में आतंक के खात्मे और शांति बहाली की संभावनाओं पर बात करने के लिए यह मुलाकात हुई थी।
दोनों देशों के एनएसए की मुलाकात से एक दिन पहले 25 दिसंबर को पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के परिवार को मिलने की अनुमति दी थी। हालांकि पाकिस्तानी अधिकारियों ने कुलभूषण की मां और पत्नी के साथ बदसलूकी की। पत्रकारों ने जब सवाल पूछा कि क्या एनएसए की मुलाकात में इस बदसलूकी का मुद्दा भी उठाया गया है। इस पर रवीश कुमार ने कहा कि बातचीत की तारीख और मुद्दे पहले से तय थे। जाधव के परिवार के साथ हुआ दुर्व्यवहार उसी वक्त की घटना थी। इसलिए उस पर कोई बातचीत नहीं की गई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि कई माध्यमों के जरिए पाकिस्तान के साथ आतंकवाद पर बातचीत जारी है। उन्होंने दोनों देशों के बीच डीजीएमओ स्तर की बातचीत का उदाहरण दिया। एनएसए स्तर की मुलाकात भी उसी की एक पहल माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम पूरे क्षेत्र में आतंक का खात्मा करना चाहते हैं।