यूक्रेन से वापस आने वाले भारतीय छात्रों की पढ़ाई स्वदेशी कॉलेजों में पूरी कराई जाए, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने की पीएम मोदी से मांग
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 6, 2022 09:15 PM2022-03-06T21:15:43+5:302022-03-06T21:21:41+5:30
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्र सरकार को लिखे पत्र में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र से वापस आ रहे भारतीय छात्रों को उनके मेडिकल की पढ़ाई का प्रबंध केंद्र सरकार करे क्योंकि रूस युद्ध के कारण यूक्रेन में उनकी शिक्षा बाधित हो गई है।
दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध से प्रभावित होने वाले भारतीयों मेडिकल छात्रों की बाधित हो रही शिक्षा के संबंध में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि 'ऑपरेशन गंगा' के तहत स्वदेश आने वाले सभी छात्रों की पढ़ाई भारत में पूरी कराई जाए।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्र सरकार को लिखे पत्र में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र से वापस आ रहे भारतीय छात्रों को उनके मेडिकल की पढ़ाई का प्रबंध केंद्र सरकार करे क्योंकि रूस युद्ध के कारण यूक्रेन में उनकी शिक्षा बाधित हो गई है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को लिखे खत में कहा है कि यूक्रेन में पढ़ने वाले छात्रों की शिक्षा तब तक बाधित रहेगी, जब तक यूक्रेन-रूस के बीच पैदा हुई दुश्मनी खत्म नहीं हो जाती और यूक्रेन में शांति का वातावरण नहीं बन जाता।
उन्होंने कहा, "अपना करियर बना गये छात्र इस वक्त एक अभूतपूर्व संकट से गुजर रहे हैं क्योंकि यूक्रेन युद्ध से उनके करियर पर संकट के बादल छा गये हैं। ऐसे में केंद्र सरकार को अपनी ओर से पहल करते हुए उन छात्रों की बाधित शिक्षा को पूरी कराने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेनी चाहिए।"
सीएम नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए कहा, "इसलिए मैं राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग और संबंधित मंत्रालयों के साथ आपसे तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप के लिए अनुरोध करता हूं ताकि यूक्रेन से वापस आ रहे छात्रों को भारत के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला देकर उनकी पढ़ाई को जारी रखा जा सके और उन्हें एक बेहतरीन डॉक्टर बनने का मौका स्वदेश में उपलब्ध करया जा सके।“
मालूम हो कि बीते सप्ताह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखकर यूक्रेन से लौट रहे भारतीय छात्रों को देश के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला देने की गुजारिश की गई थी।
वहीं विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार यूक्रेन युद्ध के दौरान विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी के बाद अबतक लगभग 17,000 भारतीय छात्र युद्धग्रस्त यूक्रेन की सीमा से बाहर जा चुके हैं।