'भारतीय सैनिक सीमा के भीतर ही कर रहे हैं गतिविधियां', सीमा पर सैनिकों के तनातनी के मद्देनजर विदेश मंत्रालय ने कही ये बात

By स्वाति सिंह | Published: May 21, 2020 06:09 PM2020-05-21T18:09:02+5:302020-05-21T18:21:05+5:30

पांच मई को पेंगोंग झील क्षेत्र में भारत और चीन के लगभग 250 सैनिकों के बीच लोहे की छड़ों और लाठी-डंडों से झड़प हो गई थी। दोनों ओर से पथराव भी हुआ था।

'Indian soldiers are carrying out activities within the border', the Foreign Ministry said this in view of the tension between the soldiers of India and China | 'भारतीय सैनिक सीमा के भीतर ही कर रहे हैं गतिविधियां', सीमा पर सैनिकों के तनातनी के मद्देनजर विदेश मंत्रालय ने कही ये बात

बीतें दिनों हुई भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प को लेकर अब विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय सैनिक भारत की सीमा के भीतर की गतिविधियां कर रहे हैं।

Highlightsभारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मद्देनजर विदेश मंत्रालय ने बयान दिया है मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष बातचीत कर रहे हैं, हम चीन के साथ लगी सीमा पर शांति बनाए रखने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।

नई दिल्ली: भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मद्देनजर विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारतीय सैनिक भारत की सीमा के भीतर ही गतिविधियां कर रहे हैं और निर्धारित प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन करते हैं'। मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष बातचीत कर रहे हैं, हम चीन के साथ लगी सीमा पर शांति बनाए रखने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।

बता दें कि बीतें दिनों हुई भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प को लेकर अब विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय सैनिक भारत की सीमा के भीतर की गतिविधियां कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने यह जवाब चीन के उस आरोप पर दिया है जिसमें उसने भारत पर झड़प शुरू करने का आरोप लगाया था। 

बता दें कि गत पांच मई को पेंगोंग झील क्षेत्र में भारत और चीन के लगभग 250 सैनिकों के बीच लोहे की छड़ों और लाठी-डंडों से झड़प हो गई थी। दोनों ओर से पथराव भी हुआ था। इस घटना में दोनों देशों के सैनिक घायल हुए थे। इसी तरह की एक अन्य घटना में नौ मई को सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास दोनों देशों के लगभग 150 सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी। सूत्रों के अनुसार इस घटना में दोनों पक्षों के कम से कम 10 सैनिक घायल हुए थे। न तो भारतीय सेना ने और न ही विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों की सेनाओं के बीच बढ़ते तनाव पर कोई टिप्पणी की है।

टकराव की हालिया दो घटनाओं पर विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह चीन से लगती सीमा पर शांति एवं स्थिरिता बनाए रखने को प्रतिबद्ध है और यदि सीमा के बारे में समान धारणा होती तो ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता था। वर्ष 2017 में डोकलाम तिराहे क्षेत्र में भारत और चीन के सैनिकों के बीच 73 दिन तक गतिरोध चला था जिससे परमाणु अस्त्र संपन्न दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका उत्पन्न हो गई थी। भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा कही जाने वाली 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा पर विवाद है।

चीन दावा करता है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है, जबकि भारत का कहना है कि यह उसका अभिन्न अंग है। दोनों देश कहते रहे हैं कि लंबित सीमा मुद्दे के अंतिम समाधान होने तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरिता बनाए रखना आवश्यक है। चीन जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन किए जाने और लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाने के भारत के कदम की निन्दा करता रहा है। लद्दाख के कई हिस्सों पर बीजिंग अपना दावा जताता है। डोकलाम गतिरोध के महीनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच चीनी शहर वुहान में अप्रैल 2018 में पहला अनौपचारिक शिखर सम्मेलन हुआ था। शिखर सम्मेलन में, दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी सेनाओं को आपसी विश्वास और समझ के लिए संपर्क मजबूत करने के वास्ते ‘‘रणनीतिक दिशा-निर्देश’’ जारी करने का फैसला किया था। मोदी और शी के बीच दूसरा अनौपचारिक शिखर सम्मेलन पिछले साल अक्टूबर में चेन्नई के पास ममल्लापुरम में हुआ था जिसमें द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तारित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया था।

Web Title: 'Indian soldiers are carrying out activities within the border', the Foreign Ministry said this in view of the tension between the soldiers of India and China

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