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भारतीय नौसेना लक्षद्वीप में नया बेस शुरू करने जा रही है, मालदीव से सिर्फ 70 समुद्री मील की है दूरी, पाकिस्तान पर भी रहेगी नजर

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: March 1, 2024 14:37 IST

4 मार्च को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आईएनएस जटायु का जलावतरण करेंगे। इस भव्य समारोह के दौरान विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य की मौजूदगी होगी।

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ठळक मुद्देलक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक नया बेस शुरू होने जा रहा है4 मार्च को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आईएनएस जटायु का जलावतरण करेंगेयहां से हिन्द महासागर और अरब सागर, दोनों पर नज़र रखी जा सकती है

नई दिल्ली: हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए भारतीय नौसेना एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। अगले सप्ताह लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक नया बेस शुरू होने जा रहा है। नया बेस, आईएनएस जटायु, मिनिकॉय द्वीप में स्थापित किया जाएगा। यह मालदीव से मुश्किल से 70 समुद्री मील दूर है।

4 मार्च को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आईएनएस जटायु का जलावतरण करेंगे। इस भव्य समारोह के दौरान  विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य की मौजूदगी होगी। सिर्फ इतना ही नहीं एमएच 60आर 'रोमियो' नौसेना हेलीकॉप्टरों का एक नया स्क्वाड्रन भी बनाए जाने की संभावना है।

हिंद महासागर क्षेत्र को सुरक्षित करने की बड़ी योजनाओं के हिस्से के रूप में, नौसेना और तटरक्षक बल लक्षद्वीप द्वीपों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। भारतीय नौसेना आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत पर अपने कमांडरों का सम्मेलन भी आयोजित करने जा रही है, जहां वे अन्य युद्धपोतों और पनडुब्बियों की भागीदारी के साथ-साथ एक वाहक से उड़ान भरने और दूसरे पर उतरने जैसे उच्च-गति वाले ऑपरेशन करेंगे। 

एएनआई ने रक्षा अधिकारियों के हवाले से बताया है कि भारतीय नौसेना अगले सप्ताह कोच्चि में बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टर एमएच-60 रोमियो को औपचारिक रूप से कमीशन करने जा रही है। भारतीय नौसेना मिनिकॉय द्वीप समूह में एक साथ बनाए जा रहे बेस पर फिलहाल सीमित संख्या में ही अधिकारियों और पुरुष नौसैनिकों के छोटे दल की नियुक्ति करेगी लेकिन भविष्य में इसका विस्तार किया जाएगा।

बता दें कि भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट से 200 से 440 किमी दूर अरब सागर में द्वीपों का एक समूह है, इन्हें लक्षद्वीप कहा जाता है। वर्तमान में ये  35 टापू हैं। यहां से हिन्द महासागर और अरब सागर, दोनों पर नज़र रखी जा सकती है इसलिए इसका महत्व काफी ज्यादा है।  लक्षद्वीप महज़ 32 स्क्वायर किलोमीटर में फैला है। लक्षद्वीप के कावारत्ती में भारतीय नौसेना का बेस 'INS द्वीपरक्षक' है. इस नेवल बेस को 30 अप्रैल 2012 को कमीशन किया गया था। अब नया बेस शुरू होने जा रहा है। 

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