रक्षा सौदे को लेकर देश में छिड़ी सियासी जंग, विदेश में वायुसेना के उपप्रमुख ने भारत के लिए बना राफेल उड़ाया
By पल्लवी कुमारी | Published: September 20, 2018 11:45 PM2018-09-20T23:45:31+5:302018-09-20T23:45:31+5:30
भारत के लिहाज से विमान तैयार करने और उसमें हथियार प्रणाली शामिल करने में दसाल्ट एविएशन की मदद करने के लिए भारतीय वायु सेना की एक टीम पहले से ही फ्रांस में मौजूद है।
नई दिल्ली, 20 सितंबर: राफेल डील को लेकर कांग्रेस और विपक्षी पार्टी नरेंद्र मोदी सरकार पिछले कुछ महीनों से लगातार हमला बोल रही है। राफेल डील को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार के उपर कई सवाल उठाए हैं। राहुल गांधी ने राफेल के विमान की गलत कीमत बताने पर बीजेपी कई बार निशाना साध चुके हैं। एक ओर जहां राफेल को लेकर इतनी जंग छिड़ी हुई है, वहीं दूसरी ओर भारतीय वायु सेना के उपप्रमुख एयर मार्शल रघुनाथ नंबियार ने गुरुवार को दसाल्ट एविएशन द्वारा भारत के लिए बनाए गए पहले राफेल लड़ाकू विमान को उड़ाया। आधिकारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि चार दिन पहले पेरिस पहुंचे नंबियार ने इसकी क्षमता का आकलन करने के लिए फ्रांस में यह विमान उड़ाया। दसाल्ट एविएशन द्वारा राफेल विमान बनाए जाने की प्रगति का आकलन करने के लिए वह फ्रांस गए हैं। सूत्रों ने बताया कि एयर मार्शल नंबियार ने भारत के लिए दसाल्ट द्वारा बनाया गया पहला राफेल लड़ाकू विमान उड़ाया। इन विमानों को भारत को सौंपने का काम अगले साल सितंबर से शुरू होगा।
भारत के लिहाज से विमान तैयार करने और उसमें हथियार प्रणाली शामिल करने में दसाल्ट एविएशन की मदद करने के लिए भारतीय वायु सेना की एक टीम पहले से ही फ्रांस में मौजूद है। राफेल लड़ाकू विमानों की सरकारी खरीद से जुड़े समझौते पर जारी विवाद के बीच यह खबर आई है।
गौरतलब है कि इससे पहले राफेल के विवादों के बीच अब इस डील पर पहली बार भारतीय वायुसेना का आधिकारिक ने 12 सितंबर को अधिकारिक बयान दिया था। वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा था कि राफेल से भारतीय सेना को मजबूती मिलेगी। वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ ने नरेन्द्र मोदी सरकार का समर्थन करते हुए कहा था, "राफेल और एस-400 देकर सरकार भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ा रही है, ताकि घटती संख्या से होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके।"
वायुसेना के उप प्रमुख (वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ) एयर मार्शल एस बी देव ने कहा भी था इस ‘‘बेहतरीन’’ विमान से भारत को "अभूतपूर्व" युद्धक क्षमता मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग इस सौदे की आलोचना कर रहे हैं, उन्हें खरीद मानदंडों को समझना चाहिए। राफेल विमानों के बारे में उन्होंने कहा था "सौदे के बारे में काफी चर्चाएं" हो रही हैं क्योंकि लोगों को खरीद प्रक्रिया के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)