मलेशियाई पीएम महातिर मोहम्मद ने कश्मीर व CAA को लेकर फिर साधा मोदी सरकार पर निशाना, भारत इस तरीके से जवाब देने की तैयारी में
By पल्लवी कुमारी | Published: January 15, 2020 08:37 AM2020-01-15T08:37:04+5:302020-01-15T08:37:04+5:30
मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने संशोधित नागरिकता कानून की आलोचना करते हुए कहा था कि भारत में अल्पसंख्यकों द्वारा सामना की जाने वाली ‘‘कठिनाइयों’’ पर चिंता व्यक्त की।
मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद जम्मू-कश्मीर और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर भारत पर लगातार निशाना साध रहे हैं। भारत मलेशिया के रूख को देखते हुए मलेशिया से आयात होने वाले माइक्रो प्रोसेसर्स को बैन कर सकती है। इससे पहले भारत ने मलयेशिया से पाम ऑइल के आयात पर प्रतिबंध लगाया था। भारत का मानना है कि कश्मीर और सीएए दोनों भारत का आंतरिक मामला है, जिसके बारे में गलत टिप्पणी करने का मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद को कोई अधिकार नहीं है।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवालों से दावा किया है कि मलयेशिया से आयात होने वाली माइक्रो प्रोसेसर्स चिप को भारत टेक्निकल ग्राउंड्स पर बैन करने पर विचार कर रहा है। इन चिपों का प्रयोग टेलिकॉम डिवाइसों को बनाने में किया जाता है। सूत्रों के हवालों से दावा किया गया है कि भारत की ओर से कस्टम अधिकारियों को मलयेशिया से आने वाली माइक्रो प्रोसेसर्स की क्वॉलिटी कंट्रोल पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है। यह शायद पहला मामला है जब भारत ने किसी देश के राजनीतिक विचारों को लेकर उस पर इस तरह के कड़े व्यापार प्रतिबंध लगाए हों।
सूत्रों ने दावा किया है कि भारत के आंतरिक मुद्दों पर मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा कि मोदी सरकार ने माइक्रो प्रोसेसरों पर तकनीकी मानकों को लागू करने और दूरसंचार उपकरणों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण के आदेश दिया है। 13 जनवरी को महातिर मोहम्मद ने कहा कि वह व्यापार प्रतिबंधों पर चिंतित हैं लेकिन उन्होंने कहा है कि वह "गलत चीजों" के खिलाफ बोलना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, 'अगर हम गलत चीजें होते रहने देंगे और सिर्फ पैसों के बारे में सोचेंगे, तो ऐसे ही काफी कुछ गलत होता रहेगा।'
मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर ने पहले भी दिया था कश्मीर को लेकर बयान
मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने अक्टूबर में कहा था कि वह कश्मीर पर अपने बयान पर कायम है और वह अपने मन की बात बोलते हैं और इससे पलटते एवं बदलते नहीं हैं। कश्मीर पर उनके बयान को लेकर भारत द्वारा आपत्ति जताये जाने के कई दिन बाद उनकी यह प्रतिक्रिया आई थी।
सितंबर महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दे को उठाते हुए महातिर ने आरोप लगाया था कि भारत ने जम्मू-कश्मीर पर ‘‘आक्रमण करके कब्जा’’ किया है। उन्होंने कहा था कि भारत को इस मुद्दे के समाधान के लिये पाकिस्तान के साथ काम करना चाहिये। भारत के विदेश मंत्रालय ने महातिर के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जतायी थी।
मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने संशोधित नागरिकता कानून की आलोचना करते हुए कहा था कि भारत में अल्पसंख्यकों द्वारा सामना की जाने वाली ‘‘कठिनाइयों’’ पर चिंता व्यक्त की।
भारत ने दिसंबर में भी मलेशिया उप राजदूत को तलब किया था
भारत ने दिसंबर में भी मलेशिया उप राजदूत को तलब कर संशोधित नागरिकता कानून की आलोचना करते हुए की मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद की ‘‘असंवेदनशील’’ टिप्पणी पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था। आधिकारिक सूत्रों ने भाषा-पीटीआई को बताया था कि मलेशिया के वरिष्ठ राजनयिक को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया और उनसे कहा गया कि मलेशियाई प्रधानमंत्री की टिप्पणी किसी भी देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने के स्थापित राजनयिक चलन के अनुरूप नहीं है।