INDIA-PAKISTAN: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ निर्बाध संवाद का कालखंड अब समाप्त हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ‘निष्क्रिय नहीं’ है और घटनाएं सकारात्मक हों या नकारात्मक, भारत प्रतिक्रिया देगा। जयशंकर ने यहां एक पुस्तक विमोचन समारोह में यह भी कहा कि दुनिया में किसी भी देश के लिए पड़ोसी हमेशा ‘पहेली’ होते हैं और बड़ी महाशक्तियां भी ऐसी होती हैं। उन्होंने कहा कि प्रमुख महाशक्तियां ‘पहेली’ होती हैं क्योंकि वे बड़ी हैं, क्योंकि उनके हित व्यापक हैं।
उनके पास हमेशा एक एजेंडा होगा, जो हमारे एजेंडा से ‘ओवरलैप’ होगा, लेकिन अलग-अलग कोणों पर, भिन्न भी होगा। जयशंकर ने कहा कि चीन के मामले में आपकी पहेली दोहरी है क्योंकि वह पड़ोसी है और बड़ी महाशक्ति भी है। उन्होंने कहा कि इसलिए, चीन के साथ चुनौतियां इस दोहरी परिभाषा में फिट बैठती हैं।
पूर्व राजनयिक राजीव सीकरी की किताब ‘स्ट्रटेजिक कनन्ड्रम: रिशेपिंग इंडियाज फॉरेन पॉलिसी’ में भारत के पड़ोसी देशों के साथ उसके संबंधों और संलग्न चुनौतियां के बारे में बात की गई है। जयशंकर ने यह भी कहा कि पड़ोस में दक्षेस और बिम्सटेक के बारे में बहस हो रही है और ‘‘आप सभी अंतर समझते हैं’’।
पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पाकिस्तान के साथ निर्बाध संवाद का कालखंड समाप्त हो गया है। कार्रवाइयों के परिणाम होते हैं और जहां तक जम्मू कश्मीर की बात है, मुझे लगता है कि (अनुच्छेद) 370 हो चुका है। इसलिए आज यह मुद्दा है कि हम पाकिस्तान के साथ संभवत: किस तरह के संबंधों पर विचार कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह कहना चाहता हूं कि हम निष्क्रिय नहीं हैं, और घटनाएं सकारात्मक दिशा में हों या नकारात्मक दिशा में, हम प्रतिक्रिया देंगे।’’ अफगानिस्तान के साथ भारत के संबंधों पर जयशंकर ने कहा कि सामाजिक स्तर पर दरअसल जनता के बीच मजबूत संबंध हैं और भारत के लिए निश्चित रूप से सद्भावना है।