लखनऊः लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी गलवान घाटी में चीन सेना के साथ भारतीय सैनिकों की हुई झड़प को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर मंगलवार को लखनऊ की एमपी एमएलए कोर्ट में पेश हुए. एमपी एमएलए कोर्ट से राहुल गांधी को 20-20 हजार के दो जमानतदारों के जरिए जमानत मिली है. राहुल गांधी पिछली पांच सुनवाइयों में कोर्ट में हाजिर नहीं हुए थे, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें समन जारी किया था. कोर्ट से जमानत मिलने के बाद राहुल गांधी वापस दिल्ली चले गए. कुछ घंटे लखनऊ प्रवास के दौरान राहुल गांधी ने मीडिया को कोई बयान नहीं दिया.
जबकि कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने यह जरूर कहा कि गांधी परिवार हमेशा न्यायालय का और कानून का सम्मान करता रहा है. जिस मामले में हाजिर होने के लिए राहुल गांधी आए है, उसमें एक बात तय है कि उसका सार कुछ नहीं है. मुझे पूरा भरोसा है कि इस मामले में उन्हें (राहुल गांधी) न्याय मिलेगा.
इस मामले में कोर्ट आए राहुल
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि की शिकायत बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने दायर की थी. एमपी एमएलए कोर्ट ने इस मानहानि मामले में दायर शिकायत का संज्ञान लेते हुए राहुल गांधी को आरोपी के रूप में तलब किया था. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोर्ट के समन के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में याचिका दायर की थी.
लेकिन उन्हें वहां से कोई राहत नहीं मिली. जिसके बाद वह मंगलवार को कोर्ट पहुंचे. राहुल गांधी के खिलाफ की गई शिकायत में दावा किया गया कि राहुल गांधी ने 16 दिसंबर 2022 को अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. यह टिप्पणी 9 दिसंबर 2022 को भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई झड़प से जुड़ी थी.
सीमा सड़क संगठन के सेवानिवृत्त निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने न्यायालय के समक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का परिवाद दायर कर बताया था कि 16 दिसंबर 2022 को राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान विभिन्न मीडिया कर्मियों और जनसमूह को संबोधित करते हुए 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच हुई झड़प का जिक्र किया था.
उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि लोग भारत जोड़ो यात्रा के बारे में क्या क्या पूछेंगे, लेकिन चीनी सैनिकों द्वारा हमारे सैनिकों की पिटाई के बारे में एक बार भी सवाल नहीं पूछेंगे. इस विषय पर भारतीय सेना ने 12 दिसंबर को ही आधिकारिक बयान जारी करके बताया था कि चीनी सेना भारतीय सीमा में अतिक्रमण कर रही थी, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया. जिसके बाद चीनी सेना अपने क्षेत्र में वापस चली गई. उदय शंकर ने आरोप लगाते हुए कहा था कि कि राहुल गांधी के द्वारा कहे गए इस झूठे कथन से उनको तथा अन्य भारतीय सैनिकों को आघात लगा है.
पार्टी नेताओं से एयरपोर्ट पर मिले
इसी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी को कोर्ट ने तलब किया था. इस बार कोर्ट ने राहुल गांधी की उपस्थिति अनिवार्य थी. जिसके चलते कोर्ट परिसर में उनकी सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए थे. कोर्ट परिसर में डॉग स्क्वॉड, बम स्क्वॉड और विशेष पुलिस इकाइयों की तैनाती की गई थी और आम जनता की कोर्ट परिसर में एंट्री पूरी तरह से प्रतिबंधित की गई. ऐसी सुरक्षा के बीच राहुल गांधी मंगलवार को दिल्ली से फ्लाइट के जरिए लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अमौसी एयरपोर्ट पहुंचे. यहां से वह पार्टी नेताओं के साथ सीधे सिविल कोर्ट स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट आए.
कोर्ट में करीब एक घंटे वह रहे और कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सीधे एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए. एयरपोर्ट पर उन्होने पार्टी के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी, नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा और पार्टी सांसदों से भी वार्ता की.