नई दिल्ली: कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट के बढ़ते खतरे के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार को दो और टीकों और एक एंटी-वायरल दवा को देश में इस्तेमाल की मंजूरी दे दी। केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा स्वीकृत ये दो नए वैक्सीन कॉर्बेवैक्स (Corbevax) और कोवोवैक्स (Covovax) हैं।
वहीं, एंटी-वायरल दवा मोलनुपिरावीर (Molnupiravir) का इस्तेमाल आपात स्थिति में किया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी दी।
भारत में बनी वैक्सीन को मंजूरी
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कॉर्बेवैक्स भारत का पहला स्वदेशी 'आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन' है। इसे हैदराबाद की फर्म बायोलॉजिकल-ई ने बनाया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 'यह हैट्रिक है! अब यह भारत में विकसित की गई तीसरी वैक्सीन है।'
वहीं, नैनोपार्टिकल वैक्सीन- कोवोवैक्स को पुणे स्थित फर्म सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाया जाएगा। यह कंपनी 'कोविशील्ड' वैक्सीन भी बनाती है। कोवोवैक्स यूएस ड्रग मैन्यूफैक्चरर नोवावैक्स का भारतीय स्वरूप है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कोवोवैक्स के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी।
मनसुख मंडाविया के अनुसार एंटी-वायरल दवा मोलनुपिरावीर का निर्माण भारत में 13 कंपनियों द्वारा किया जाएगा। इसका इस्तेमाल आपातकालीन स्थिति में कोविड-19 से संक्रमित उन वयस्क मरीजों पर किया जा सकता है जिनमें बीमारी के गंभीर होने का खतरा है।
अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने हाल ही में ‘मर्क’ कम्पनी की कोविड-19 रोधी ‘मोलनुपिराविर’ दवा को संक्रमण के उन मरीजों के इलाज के लिए मंजूरी दी थी, जिन्हें इस बीमारी से खतरा अधिक है। इससे पहले, नवंबर में ब्रिटेन ने ‘मर्क’ की दवा को सशर्त अधिकृत किया गया था, जो कोविड-19 के सफलतापूर्वक इलाज के लिए बनाई गई पहली गोली है। आइसोलेशन में रहने वाले मामूली या हल्के लक्षण वाले मरीजों को इस गोली को पांच दिन तक दिन में दो बार लेना होगा।
(भाषा इनपुट)