पटना: नेपाल में भड़के छात्रों और युवाओं का आंदोलन को देखते हुए बिहार की सीमा पर गहन चौकसी बरती जा रही है। दरअसल, बिहार का पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिला नेपाल से सटा हुआ है। इस तरह भारत में नेपाल से लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा का लगभग एक तिहाई हिस्सा बिहार से ही लगा हुआ है। किसी भी प्रकार की अनहोनी ना हो इस वजह से बिहार में हाई अलर्ट घोषित किया गया है।
इस बीच सीमा पर भारतीय सुरक्षा बल पूरी तरह सतर्क हैं. 56वीं बटालियन एसएसबी के जवान बॉर्डर पर तैनात हैं। अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि चेकिंग जारी है और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी गई है ताकि किसी प्रकार की चूक न हो। बॉर्डर के दूसरी ओर नेपाल आर्म्स फोर्स भी तैनात है। इस तनाव ने आम लोगों की आवाजाही और कारोबार को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है।
नेपाल में कारोबार करने वाले भारतीय व्यापरियों का कहना है कि हिंसा और गोलाबारी की आशंका के चलते व्यवसाय बंद करना पड़ा है। खराब हो रहे हालात की वजह से लोग घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। इस हिंसक प्रदर्शन का सबसे बड़ा असर सामाजिक रिश्तों पर पड़ा है, क्योंकि विराटनगर और जोगबनी का बेटी-रोटी का गहरा संबंध है जो आंदोलन की वजह से प्रभावित हो गया है।
अररिया जिले के बथनाहा में एसएसबी 56वीं बटालियन और नेपाल की एपीएफ पुलिस की एक बैठक मंगलवार को हुई। इस बैठक में दोनों देशों की सुरक्षा टीमों ने मिलकर बात की कि सीमा पर शांति और कानून-व्यवस्था कैसे बनाए रखें। इसमें तय हुआ कि सीमा पार होने वाली गलत गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी और आपसी सहयोग को और बेहतर बनाया जाएगा।
इस बीच मंगलवार को नेपाल की औद्योगिक राजधानी विराटनगर में सीडीओ कार्यालय पर प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ और आगजनी कर दी। इसके बाद हालात बिगड़ गए। स्थिति काबू में करने के लिए नेपाल पुलिस ने कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया। लेकिन गुस्से की लपटें जोगबनी बॉर्डर तक पहुंच गई हैं। नेपाल स्थित आईसीपी के पास भी भीड़ ने आगजनी की। ऐसे में बिहार पुलिस सहित खुफिया एजेंसियां स्थिति पर नज़र बनाए हुए है।