यूपी में दवा के थोक विक्रेताओं को खरीद-बिक्री का देना होगा वीडियो रिकॉर्ड

By राजेंद्र कुमार | Updated: December 30, 2025 17:55 IST2025-12-30T17:55:06+5:302025-12-30T17:55:52+5:30

प्रदेश के फूड सेफ़्टी एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) विभाग ने शासन को इस संबंध में यह प्रस्ताव भेजा है कि राज्य में दवा के थोक प्रतिष्ठानों की जीओ टैगिंग और लाइसेंस प्रणाली को सख्त किया जाए.

In Uttar Pradesh, wholesale drug dealers will have to provide video recordings of their purchase and sale transactions | यूपी में दवा के थोक विक्रेताओं को खरीद-बिक्री का देना होगा वीडियो रिकॉर्ड

यूपी में दवा के थोक विक्रेताओं को खरीद-बिक्री का देना होगा वीडियो रिकॉर्ड

लखनऊ: उत्तर प्रदेश से प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सिरप की देश के कई राज्यों सहित नेपाल और बांग्लादेश तक हुई तस्करी के चलते योगी सरकार की बड़ी फजीहत हुई है. ऐसे में अब कोडीन युक्त कफ सीरप की दवा की दुकानों से होने वाली बिक्री पर प्रदेश सरकार ने निगाह रखने के लिए जल्दी ही कई फैसले लेगी. 

प्रदेश के फूड सेफ़्टी एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) विभाग ने शासन को इस संबंध में यह प्रस्ताव भेजा है कि राज्य में दवा के थोक प्रतिष्ठानों की जीओ टैगिंग और लाइसेंस प्रणाली को सख्त किया जाए. इसके साथ ही थोक औषधि विक्रय लाइसेंस प्रणाली को पारदर्शी तथा सख्त करते हुए प्रतिष्ठानों की भंडारण क्षमता से लेकर खरीद-फरोख्त का पूरा विवरण फोटो-वीडियो के रखने की व्यवस्था को लागू किया जाए. 

इसके अलावा प्रतिष्ठान के टेक्निकल पर्सन का अनुभव प्रमाण ड्रग इंस्पेक्टर सत्यापन कराया जाना अनिवार्य किया जाए. ताकि राज्य में प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सिरप की तस्करी और अवैध बिक्री करने की हिम्मत कोई दवा दुकानदार ना कर सके. चर्चा है कि एफएसडीए के इस प्रस्ताव पर जल्दी ही सरकार अपनी मोहर लगा देगी.  

इसलिए जरूरी है सख्ती

यह दावा इसलिए भी किया जा रहा है क्योंकि प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सीरप की देश और विदेश में तस्करी के जरिए ही गई अवैध बिक्री में दवा विक्रेताओं की मिलीभगत के तमाम सबूत ईडी, एसटीएस और एफएसडीए के अफसरों के हाथ लगे हैं. इस कारण से एफएसडीए ने दवाओं की बिक्री के नेटवर्क को कठोर निगरानी के अधीन लाने के सुझाव दिया है. 

इस बारे में एफएसडीए के अधिकारियों का कहना है कि कोडीन युक्त कफ सीरप मामले की जांच में खुलासा हुआ था कि तमाम बड़ी दवा फर्में कफ सीरप के विक्रय बिल पेश नहीं कर सकीं. फर्जीवाड़ा करने वाली फर्में केवल कागजों में ही क्रय-विक्रय दर्शाती रहीं. यही नहीं किसी भी फुटकर औषधि प्रतिष्ठान को कोडीन युक्त कफ सीरप की सप्लाई का कोई साक्ष्य नहीं मिला. जबकि वर्ष 2024-25 प्रदेश में कफ सीरप की सप्लाई वास्तविक चिकित्सीय जरूरत से कई गुना अधिक की गई. 

इसलिए लाइसेंस प्रणाली से लेकर इस सिरप की बिक्री तथा निगरानी के लिए सख्त नियम-कानून बनाने की जरूरत महसूस की गई. जिसके चलते ही दवाओं की बिक्री करने वाली थोक तथा रिटेल दुकानों के लाइसेंस जारी करने के नियमों को सख्त करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है. 

बड़े पैमाने पर कार्रवाई, जारी है जांच

फिलहाल राज्य में प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सीरप की अवैध बिक्री तथा फर्जीवाड़े मामले में हो रही जांच को लेकर एसटीएफ के अफसरों का कहना है कि राज्य के 52 जिलों में 332 फर्मों की हुई जांच हुई है.इस जांच से प्रदेश के 36 जिलों में केएफ़ सीरप को अवैध तरीके से बेचे जाने की पुष्टि हुई है और 161 फर्मों पर केस दर्ज किया गया है. अब तक की जांच से 700 करोड़ रुपए से अधिक के कफ सीरप की संदिग्ध आपूर्ति होना पाया गया है. 

ईडी, एसटीएफ़ और एफएसडीए की जांच चल रही है. अभी कई आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना है. अब तक 85 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. यह भी पता चला है कि कफ सीरप निर्माण के बाद कंपनियां अलग-अलग सिंडिकेट से उसकी बांग्लादेश-नेपाल तक में तस्करी करती थी. करीब 200 रुपए कीमत वाले कफ सीरप को बांग्लादेश में एक हजार रुपए  तक बेचा जाता है. जबकि खाड़ी देशों में इसको  ढाई हजार रुपए में बेचा जाता था. 

जांच से यह भी पता चला है कि यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल के रास्ते सिरप की खेप 24 परगना, नदिया, सिलीगुड़ी, कूचबिहार, अलीपुरद्वार, दिजनापुर के साथ असम, मणिपुर, त्रिपुरा और मेघालय में भंडारण किया जाता था. बाद में इसे आलू, प्याज, चाय की पत्ती, के साथ इसे बांग्लादेश भेजा जाता है. कफ सीरप की कफ सिरप की तस्करी के नेटवर्क का सीधा कनेक्शन हिमाचल प्रदेश के सोलन से सामने आया है. सोलन की कई फार्मा कंपनियों से खेप पश्चिम बंगाल के रास्ते झारखंड के रांची में शैली ट्रेडर्स तक पहुंचाई जाती थी, वहां से आगे वितरण किया जाता था. 

Web Title: In Uttar Pradesh, wholesale drug dealers will have to provide video recordings of their purchase and sale transactions

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