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यूपी में डीएम और कमिश्नर को जिलों में बढ़ाना होगा निवेश, आदेश हुआ जारी

By राजेंद्र कुमार | Updated: November 25, 2024 18:26 IST

हर जिले में डीएम और कमिश्नर औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने में किसी तरफ की आनाकानी ना करे, इसके लिए सरकार ने अब राज्य में हर डीएम और कमिश्नर की वार्षिक कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट (एसीआर) में निवेश आकर्षण और सीडी रेशियो (क्रेडिट-डिपॉजिट) वृद्धि को भी शामिल करने संबंधी आदेश जारी कर दिया है।

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ठळक मुद्देयूपी के समग्र विकास में यह आदेश साबित होगा मील का पत्थर : मुख्य सचिवडीएम और कमिश्नर को देश में ऐसा दायित्व देने वाला यूपी देश का पहला राज्य 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (यूपी) में जिलों में तैनात जिलाधिकारी (डीएम) और मंडलयुक्त (कमिश्नर) को जिले की कानून व्यवस्था ठीक रखने के साथ ही अब जिले में औद्योगिक निवेश को भी बढ़ावा देना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर जिले में उद्योगों की स्थापना करने की सोच के तहत डीएम और कमिश्नर के दायित्वों में यह इजाफा किया है।

हर जिले में डीएम और कमिश्नर औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने में किसी तरफ की आनाकानी ना करे, इसके लिए सरकार ने अब राज्य में हर डीएम और कमिश्नर की वार्षिक कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट (एसीआर) में निवेश आकर्षण और सीडी रेशियो (क्रेडिट-डिपॉजिट) वृद्धि को भी शामिल करने संबंधी आदेश जारी कर दिया है। इस पहल के साथ उत्तर प्रदेश ऐसा कदम उठाने वाला अब देश का पहला राज्य बन गया है। सरकार का दावा है कि यह कदम आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने और प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। 

मुख्य सचिव का कथन 

सूबे के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के अनुसार, सरकार के इस फैसले के तहत अब सूबे के हर जिलाधिकारी और मंडलायुक्त की वार्षिक कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट में निवेश आकर्षण और सीडी रेशियो वृद्धि के साथ साथ निवेशकों की सुरक्षा, सुविधाएं और सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए किए गए प्रयासों का भी मूल्यांकन होगा, जिससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही उद्यमियों के लिए समयबद्ध तरीके से लैंड अलॉटमेंट, लैंड सब्सिडी, लैंड यूज चेंज, लैंड क्लीयरेंस समेत लैंड बैंक को तैयार कर उसकी मॉनिटरिंग और रेगुलर अपडेशन किये जाने का भी मूल्यांकन किया जाएगा। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि जिलों में निवेश लाने और उसे प्रोत्साहित करने के लिए अधिकारी अपनी भूमिका को जिम्मेदारी से निभाएं।

डीएम और  कमिश्नर को मिले इस दायित्व के चलते उन्हे अपने जिले में उद्योगों की स्थापना का प्रयास करना ही होगा। ऐसा करने ही उनही एसीआर बेहतर होगी और उन्हे बेहतर पदों पर तैनाती पाना आसान होगा। मुख्य सचिव का यह भी कहना है कि प्रदेश सरकार जिलों में निवेश को मापने और बढ़ावा देने के लिए क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात को प्राथमिकता दे रही हैं। यह नीति न केवल आर्थिक विकास को गति प्रदान करेगी, बल्कि सरकारी अधिकारियों के कार्यप्रणाली में जवाबदेही और पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगी और सरकार का यह कदम राज्य के समग्र विकास और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

राज्य सरकार वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक 65 प्रतिशत के सीडी रेशियो के लक्ष्य को तय करके आगे बढ़ रही है। इस रेशियो का बढ़ना राज्य में आर्थिक स्थिरता और निवेश के लिए अनुकूल वातावरण का संकेत है, जिसके चलते ही यह आदेश जारी किया गया है। 

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