लाइव न्यूज़ :

झारखंड में कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी फंस सकते हैं ईडी के जाल में, नौकरशाहों के काले धन निवेश को रखने वाले दलालों पर एक्शन से मचा है हड़कंप

By एस पी सिन्हा | Updated: May 25, 2022 17:08 IST

झारखंड में नौकरशाहों और उनके आसपास रहकर उनका काला धन निवेश करने वाले बड़े दलालों पर आफत आ गई है। इसी कड़ी में बड़े अधिकारियों का चहेता विशाल चौधरी पर ईडी का शिकंजा कस गया है।

Open in App
ठळक मुद्देईडी द्वारा गिरफ्तार आईएएस पूजा सिंघल पर नकेल कसने के बाद सूबे के नौकरशाहों में भारी खलबली हैईडी की कार्रवाई से नौकरशाहों और उनके आसपास के दलालों में भारी भगदड़ हैईडी ने झारखंड के बड़े अधिकारियों के चहेते विशाल चौधरी पर कस दिया है शिकंजा

रांची:झारखंड में आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की नकेल कसने के बाद अब राज्य में नौकरशाह-दलाल सिंडिकेट की परत-दर-परत खुल रही है। नौकरशाहों और उनके आसपास रहकर उनका काला धन निवेश करने वाले बड़े दलालों पर आफत आ गई है। इसी कड़ी में बड़े अधिकारियों का चहेता विशाल चौधरी पर ईडी का शिकंजा कस गया है। दरअसल झारखंड कैडर के कई आईएएस अधिकारियों से विशाल चौधरी के करीबी रिश्ते हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव व आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का से विशाल चौधरी का करीबी संबंध रहा है। उनके अलावा कई अन्य आईएएस व आईएफएस अधिकारियों का भी विशाल के यहां आना-जाना रहा है। नौकरशाहों की काली कमाई खपाने से लेकर उनके लिए मौज-मस्ती का इंतजाम करना विशाल चौधरी के जिम्मे था।

विशाल चौधरी के सत्ता के गलियारे में पकड़ रखने वाले एक वरीय आईएएस अधिकारी से करीबी संबंध थे। संबंध इतना करीब था कि संबंधित आईएएस अधिकारी उसके घर में घंटों बिताते थे। हाल यह रहा है कि विशाल चौधरी के मकान के आसपास के लोग भी उसके घर में रोज-रोज होने वाली पार्टियों से हैरत में थे। आसपास के लोगों तक यह बात फैली थी कि अक्सर यहां बड़े-बड़े लोग आते हैं और पार्टियां होती हैं। होली की तरह अन्य प्रायोजनों में अक्सर महफिल जमती थी। पड़ोसियों का कहना है कि यहां शराब की भी पार्टियां चलती थी।

सूत्रों के अनुसार विशाल चौधरी के यहां जब ईडी के अधिकारियों ने धावा बोला था तो इसने अपना एप्पल मोबाइल कचरे के डिब्बे में डाल दिया था। ईडी को इसके पास से हाल के दिनों में लगभग 10 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन के दस्तावेज मिले हैं। कहा जा रहा है कि विशाल चौधरी के ऊंची पहुंच के कारण उसके यहां आईएएस व आईपीएस अधिकारियों की लॉबी लगने लगी थी।

सूत्रों के अनुसार ठेका-पट्टा के लिए आने वाले आम लोगों के साथ पोस्टिंग कराने या कार्रवाई से बचने के लिए आईएएस और आईपीएस अधिकारी विशाल के घर तक पहुंचने लगे थे। एक आईएएस अधिकारी की पोस्टिंग के लिए भी विशाल को मोटी रकम देने की चर्चा है। विशाल चौधरी से पूछताछ में राज्य के दर्जनों आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की कलई खुल सकती है। इनका काला धन विशाल अपने स्तर से खपाता था। उसने दो कंपनियां भी बना रखी थी, जिसके जरिए वह विभिन्न विभागों में कामकाज करता था।

सूत्रों के अनुसार विशाल चौधरी की सत्ता के गलियारे में पकड़ के कारण कई अधिकारी उससे दोस्ती करना चाहते थे। वहीं वह खुद अपना काम निकालने के लिए अधिकारियों से दोस्ती करने में माहिर था। इस कारण सोशल मीडिया में उसके संपर्क में कई प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं। पड़ोसियों ने बताया कि वे लोग हैरत में थे कि आखिर इनके पास इतना पैसा कहां से आता है?

विशाल चौधरी काली कमाई पर खूब ऐश-मौज करता था। काम कराने के लिए वह प्रभावी अधिकारियों को हर स्तर पर उपकृत करता था। उसके यहां ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर टेंडर मैनेज करने वालों की भीड़ लगी रहती थी। वह अक्सर विदेश दौरा करता था।

ईडी सूत्रों के मुताबिक, बीते दो साल में विशाल तुर्की, स्वीट्जरलैंड, श्रीलंका, दुबई आदि देशों में जा चुका है। वह इसी हफ्ते के आखिर में बेटे के जन्मदिन पर विदेश जाने की तैयारी में था। इसके अलावा देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों में उसका भ्रमण लगा रहता है। उसके जाननेवालों का कहना है कि बेहतरीन पर्यटन स्थलों में जाना उसका शौक रहा है। नोएडा व नैनिताल में होटल खरीदने की भी चर्चा है। वहीं, मुजफ्फरपुर में उसने पिता के लिए फर्नीचर का बड़ा शोरूम खोला है।

सूत्रों के अनुसार विशाल ने कोविड के दौरान मेडिकल किट की सप्लाई कर करोड़ों की कमाई की है। छापेमारी के बाद जब्त कागजातों में करोड़ों के लेन-देन के साक्ष्य मिले हैं। कई नौकरशाहों के पैसों के निवेश के पहलू पर ईडी ने साक्ष्य जुटाया है। विशाल रियल स्टेट, कौशल विकास, स्वास्थ्य, उत्पाद विभाग से जुडे कारोबार करता है।

जानकारी के अनुसार 2012 में विशाल ने विनायका फंडामेंटल रिसर्च एंड एजुकेशन सोसायटी की शुरुआत की थी। इसके बाद उसने झारखंड स्किल डेवलपमेंट मिशन के साथ एमओयू किया था। उसने फ्रंटलाइन प्रोमोटर्स प्राइवेट लिमीटेड भी रजिस्टर ऑफ कंपनीज में पत्नी श्वेता सिंह चौधरी, पिता त्रिवेणी चौधरी को निदेशक बताते हुए 25 मई 2009 को कंपनी खोली थी। कंपनी का रजिस्टर्ड पता मुजफ्फरपुर का है। विशाल के ही द्वारा व्यम इंफो सिक्योरिटी सर्विस प्रा. लि, व्याम इंफो सॉल्यूशन व अन्य कंपनियों संचालन किया जाता था।

टॅग्स :झारखंडप्रवर्तन निदेशालयEDPooja Singhal
Open in App

संबंधित खबरें

भारतझारखंड में संभावित सियासी उलटफेर की खबरों पर कोई भी नेता खुलकर बोलने को नहीं है तैयार, सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार है गरम

भारतबिहार के बाद क्या झारखंड में भी बनेगी एनडीए सरकार, भाजपा-झामुमो के बीच खिचड़ी पकने की चर्चा से बढ़ा सियासी पारा

क्रिकेटटीम इंडिया से बाहर, 10 चौका, 8 छक्का, 50 गेंद और नाबाद 113 रन?, त्रिपुरा बॉलर पर टूटे इशान किशन

क्राइम अलर्टबाइक टैक्सी चालक के बैंक खाते में 19 अगस्त 2024 से 16 अप्रैल 2025 के बीच 331.36 करोड़ रुपये जमा, अवैध सट्टेबाजी ऐप मामला, दो कमरों वाली झुग्गी में रहता है शख्स?

भारतकौन हैं अभिलाषा शर्मा और योगेश सागर, ईडी रडार पर IAS अधिकारी

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई