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हरियाणा में भाजपा-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर: दुष्यंत चौटाला, निर्दलीय निभा सकते हैं महत्वपूर्ण भूमिका

By भाषा | Updated: October 24, 2019 20:41 IST

भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में 75 सीट जीतने का लक्ष्य तय किया था। अब तक आए परिणामों और रुझानों में वह 17 सीट जीत चुकी है और 22 सीटों पर आगे है।

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ठळक मुद्दे भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में 75 सीट जीतने का लक्ष्य तय किया था। कांग्रेस के खाते में अब तक 13 सीट गई हैं और 19 सीटों पर वह आगे है।

हरियाणा में सरकार गठन में दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी (जजपा) और निर्दलीयों के महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है क्योंकि भाजपा और कांग्रेस दोनों में से किसी को भी अपने दम पर बहुमत मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में 75 सीट जीतने का लक्ष्य तय किया था। अब तक आए परिणामों और रुझानों में वह 17 सीट जीत चुकी है और 22 सीटों पर आगे है।

वहीं, कांग्रेस के खाते में अब तक 13 सीट गई हैं और 19 सीटों पर वह आगे है। अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ने वाली जजपा आठ सीट जीत चुकी है और दो सीटों पर वह आगे है। चार निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत दर्ज की है और तीन निर्दलीय आगे चल रहे हैं। यदि रुझान परिणामों में बदलते हैं तो पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के प्रपौत्र दुष्यंत चौटाला और निर्दलीय विधायक राज्य में ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभा सकते हैं।

वहीं, इनेलो केवल एक सीट ऐलनाबाद पर आगे है जहां अभय चौटाला मौजूदा विधायक हैं। हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) के अध्यक्ष गोपाल कांडा सिरसा विधानसभा सीट से चुनाव जीत गए हैं। विधानसभा के त्रिशंकु स्थिति की ओर बढ़ने के साथ ही राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गैर-भाजपा दलों से गुरुवार को एकजुट होने का आग्रह किया।

उन्होंने रोहतक में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह जनादेश भाजपा के खिलाफ है। निर्दलीयों सहित जजपा, इनेलो और अन्य को कांग्रेस के साथ हाथ मिला लेना चाहिए, ताकि भाजपा को दूर रखा जा सके।’’ हुड्डा ने आरोप लगाया कि प्रशासन भाजपा की ओर से निर्दलीयों पर दबाव डाल रहा है और उन्हें स्वतंत्र रूप से नहीं घूमने दे रहा।

अब तक आए परिणामों और रुझानों पर टिप्पणी करते हुए जजपा नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा, ‘‘इससे पता चलता है कि (मनोहर लाल) खट्टर सरकार के खिलाफ व्यापक सत्ता विरोधी लहर है।’’ यह पूछे जाने पर कि उनकी पार्टी भाजपा को समर्थन देगी या कांग्रेस को, चौटाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। पहले हम अपने विधायकों की बैठक बुलाएंगे, फैसला करेंगे कि सदन में हमारा नेता कौन होगा और फिर इस पर आगे सोचेंगे।’’ लेकिन उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हरियाणा के लोग बदलाव चाहते हैं।’’

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कुमारी शैलजा ने कहा कि हरियाणा के लोगों ने भाजपा को खारिज कर दिया है और वे ‘‘न्याय की नयी सुबह अपनाने’’ को तैयार हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपनी करनाल सीट बरकरार रखते हुए कांग्रेस के अपने निकटतम उम्मीदवार तरलोचन सिंह को शिकस्त दी।

निर्वाचन आयोग के अनुसार भाजपा नेता ने कांग्रेस नेता एवं राज्य के अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व प्रमुख तरलोचन को 45,188 मतों से हराया। जीत का यह अंतर पिछली बार के 63,773 मतों के अंतर से कम है जब खट्टर 2014 में पहली बार विधायक बने थे। वहीं, भाजपा के तीन मंत्री-कैप्टन अभिमन्यु, कविता जैन और कृष्ण कुमार बेदी चुनाव हार गए हैं।

भाजपा द्वारा विधानसभा चुनाव मैदान में उतारे गए अंतरराष्ट्रीय पहलवानों-बबीता फोगाट और योगेश्वर दत्त तथा टिक टॉक स्टार सोनाली फोगाट को हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि, भाजपा उम्मीदवार एवं पूर्व हॉकी कप्तान संदीप सिंह जीत हासिल करने में सफल रहे। चरखी दादरी की दादरी सीट से चुनाव मैदान में उतरीं बबीता लड़ाई में दूसरे नंबर पर भी नहीं आ पाईं। निर्दलीय उम्मीदवार सोमबीर ने इस सीट पर जननायक जनता पार्टी (जजपा) के सतपाल सांगवान को 14,272 मतों के अंतर से हराया।

सोनीपत की बड़ौदा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे योगेश्वर दत्त को कांग्रेस के निवर्तमान विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा ने 4,840 मतों के अंतर से हराया। वहीं, टिक टॉक स्टार सोनाली फोगाट को आदमपुर विधानसभा सीट से निवर्तमान विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई के हाथों 29,471 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, संदीप सिंह कुरुक्षेत्र की पिहोवा सीट से जीत दर्ज करने में सफल रहे।

उन्होंने कांग्रेस के मनदीप सिंह को 5,314 मतों से शिकस्त दी। पार्टी को बहुमत मिलते नहीं देख प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला ने बृहस्पतिवार को पद से इस्तीफा दे दिया। टोहाना सीट से पिछड़ रहे बराला हार के अंदेशे से मतगणना के बीच में ही मतदान केंद्र छोड़कर चले गए। भाजपा की लाज बचाने वाले मंत्रियों में वरिष्ठ मंत्री अनिल विज शामिल हैं जो अंबाला छावनी से जीत गए हैं। इस सीट से वह पांच बार विधायक रहे हैं।

भाजपा ने दक्षिण हरियाणा के कुछ इलाकों में और फरीदाबाद जिले में अच्छा प्रदर्शन किया है। हालांकि, फरीदाबाद की एनआईटी-86 विधानसभा सीट पर कांग्रेस के नीरज शर्मा ने भाजपा उम्मीदवार नगेंद्र भड़ाना को तीन हजार से अधिक मतों से हरा दिया है। 

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