लाइव न्यूज़ :

CCD फाउंडर को लेकर आयकर विभाग का दावा- वीजी सिद्धार्थ ने 2017 में स्वीकार किया था 658 करोड़ की अघोषित आय

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 4, 2019 14:12 IST

आयकर अधिकारियों को पता चला कि सिद्धार्थ और कॉफी डे इंटरप्राइजेज लिमिटेड दोनों के पास माइंडट्री लिमिटेड के करीब 21 प्रतिशत शेयर थे। यह भी पता चला कि शेयर की बिक्री के लिए सौदे को एक महीने के भीतर पूरा किया जाना था।

Open in App
ठळक मुद्देविभाग ने कहा कि माइंडट्री लिमिटेड के 74,90,000 शेयर जब्त किये गए और कर अपवंचन के बड़े मामलों में राजस्व हितों के संरक्षण के लिए ऐसी कार्रवाई सामान्य होती है।विभाग द्वारा एक विशिष्ट शर्त रखी गई थी कि बिक्री से प्राप्त राशि का उपयोग केवल एस्क्रौ खाता खोलकर माइंडट्री लिमिटेड शेयरों के खिलाफ प्राप्त ऋणों के पुनर्भुगतान के लिए किया जाएगा

आयकर विभाग ने कैफे कॉफी डे (सीसीडी) संस्थापक वी जी सिद्धार्थ के खिलाफ अपनी जांच के दौरान प्रताड़ित करने के आरोपों से इनकार किया। आयकर विभाग ने कहा कि उसके पास उनके जो हस्ताक्षर उपलब्ध हैं वह उस पत्र पर हस्ताक्षर से अलग हैं जिसे सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किया जा रहा है। आयकर विभाग ने कहा कि उद्योगपति ने अपने और अपने प्रतिष्ठानों पर छापों के बाद कुछ आय छिपाकर रखना स्वीकार किया था। 

सिद्धार्थ कर्नाटक में बेंगलुरू से मंगलुरू जाते समय रास्ते में लापता हो गए हैं। असत्यापित पत्र में सिद्धार्थ ने कहा है कि आयकर विभाग के पूर्व डीजी की ओर से काफी प्रताड़ित किया गया। यह हमारे माइंडट्री सौदे को रोकने के लिए दो अलग-अलग मौकों पर हमारे शेयर जब्त करने और बाद में हमारे कॉफी डे शेयर का अधिकार लेने के तौर पर आया जबकि हमने संशोधित रिटर्न दाखिल कर दिया था। 

उन्होंने कहा, यह बहुत अनुचित था और इससे हमें नकदी का गंभीर संकट झेलना पड़ा। आरोपों को खारिज करते हुए विभाग ने एक बयान जारी करते हुए कहा विभाग की ओर से शेयरों की अस्थायी जब्ती की कार्रवाई ‘‘राजस्व हितों’’ के संरक्षण के लिए की गई थी जो कि कर अपवंचन के मामलों में एक मानक है। विभाग ने कहा कि उक्त कार्रवाई उस तलाशी या उन छापों के दौरान जुटाये गए विश्वसनीय साक्ष्यों पर आधारित थी जो कि बेंगलुरू स्थित समूह के खिलाफ 2017 में की गई थी। उसने कहा, विभाग ने आयकर कानून के प्रावधानों के अनुरूप कार्य किया। उसने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे पत्र की सत्यता को प्रमाणित नहीं किया जा सकता क्योंकि सिद्धार्थ का हस्ताक्षर उससे मेल नहीं खाता जो कंपनी के वार्षिक रिपोर्ट के रूप में विभाग के पास उपलब्ध है। 

बयान में कहा गया कि सिद्धार्थ को माइंडट्री शेयर की बिक्री से 3200 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे लेकिन सौदे पर देय कुल 300 करोड़ रुपये के न्यूनतम वैकल्पिक कर में से मात्र 46 करोड़ रुपये का भुगतान किया। उसने कहा कि समूह के खिलाफ छापे कर्नाटक के एक प्रमुख राजनीतिज्ञ के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई के परिणामस्वरूप मारे गए थे। उसने कहा कि सिद्धार्थ ने एक हलफनामे में अपने हाथ में और कॉफ़ी डे इंटरप्राइजेज लिमिटेड की क्रमश: 362.11 करोड़ रुपये और 118.02 करोड़ रुपये की बिना हिसाब की आय होना स्वीकार किया था। 

विभाग ने दावा किया कि इस मामले में सिंगापुर के एक नागरिक की तलाशी ली गई थी और उसके पास से 1.2 करोड़ रुपये की बिना हिसाब की नकदी मिली थी और व्यक्ति ने आयकर अधिकारियों को बताया था कि वह सिद्धार्थ की है। उसने आरोप लगाया कि सीसीडी प्रमोटर ने अपना आईटी रिटर्न दाखिल किया लेकिन व्यक्तिगत मामले में तकरीबन 35 करोड़ की राशि को छोड़कर दोनों ही मामले में अघोषित आय का उल्लेख नहीं किया जबकि हलफनामे में उन्होंने इस बारे में स्वीकार किया था। 

विभाग ने कहा, सिद्धार्थ ने अपनी इस स्वीकार राशि पर भी 14.5 करोड़ रुपये के स्व-मूल्यांकन कर का भुगतान नहीं किया। कॉफी डे इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपनी तरफ से स्वीकृत आय की पेशकश नहीं की। उसने कहा कि विभाग को इस वर्ष जनवरी में मीडिया की खबरों से पता चला कि सिद्धार्थ माइंडट्री लिमिटेड के इक्विटी शेयर तत्काल आधार पर बेचने की योजना बना रहे हैं जो कि उनके और उनकी कंपनी के पास थे। 

आयकर अधिकारियों को पता चला कि सिद्धार्थ और कॉफी डे इंटरप्राइजेज लिमिटेड दोनों के पास माइंडट्री लिमिटेड के करीब 21 प्रतिशत शेयर थे। यह भी पता चला कि शेयर की बिक्री के लिए सौदे को एक महीने के भीतर पूरा किया जाना था। उसने कहा कि चूंकि इस मामले में करोड़ों रुपये के कर का मामला बनता था और करदाता ने इन शेयरों को बेचने के लिए आयकर प्राधिकारियों से अनुमति नहीं ली थी, उन्हें नियमों के तहत जब्त कर लिया गया। 

विभाग ने कहा कि माइंडट्री लिमिटेड के 74,90,000 शेयर जब्त किये गए और कर अपवंचन के बड़े मामलों में राजस्व हितों के संरक्षण के लिए ऐसी कार्रवाई सामान्य होती है। उसने कहा कि सिद्धार्थ ने तब इन शेयरों को मुक्त करने के लिए एक अनुरोधपत्र दिया था और अपेक्षित मांग के खिलाफ सिक्युरिटी के तौर पर कॉफी डे इंटरप्राइजेज के शेयरों की पेशकश की थी। उसने कहा कि विभाग ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया था और इस वर्ष 13 फरवरी को माइंडट्री के शेयर की जब्ती समाप्त कर दी गई।

 हालांकि, विभाग द्वारा एक विशिष्ट शर्त रखी गई थी कि बिक्री से प्राप्त राशि का उपयोग केवल एस्क्रौ खाता खोलकर माइंडट्री लिमिटेड शेयरों के खिलाफ प्राप्त ऋणों के पुनर्भुगतान के लिए किया जाएगा और शेष राशि विभाग को कर देयता के बदले जब्ती के लिए प्रदान की जाएगी। विभाग ने कहा, 13-14 फरवरी को 46,01,869 ऐसे शेयरों जो बंधक नहीं थे और कॉफी डे इंटरप्राइजेज के बंधक 2,04,43,055 शेयरों की वैकल्पिक जब्ती की गई।

टॅग्स :कैफ़े काफी डेआयकर विभागआयकर
Open in App

संबंधित खबरें

कारोबार15 दिसंबर से पहले इनकम टैक्स से जुड़े ये काम कर लें पूरा, वरना लगेगा भारी जुर्माना

कारोबार25000 टैक्सपेयर्स पर आयकर विभाग की नजर, 31 दिसंबर से पहले नहीं दी ये जानकारी तो घर आएगा नोटिस

कारोबारIncome Tax Payment: इनकम टैक्स UPI से भरना है बिल्कुल आसान, घर बैठे आसानी से करें फाइल

कारोबारइनकम टैक्स के नए नियम 2026 में होंगे लागू, जनवरी में आया नया फॉर्म, सीबीडीटी का ऐलान

कारोबारएक दिन में कितना कर सकते हैं नकद लेनदेन? जानें ये नियम वरना आ जाएगा आयकर विभाग का नोटिस

भारत अधिक खबरें

कारोबारIndiGo Crisis: इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने फ्लाइट कैंसिल होने पर माफी मांगी, कहा- बताया कब स्थिति हो जाएगी सामान्य

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर