जेएनयू की बिगड़ती स्थिति के कारण वहां के शिक्षकों को भर्ती करने से आईआईटी दिल्ली का इनकार
By भाषा | Updated: January 19, 2020 06:56 IST2020-01-19T06:56:41+5:302020-01-19T06:56:41+5:30
इस हफ्ते कथित रूप से आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी रामगोपाल राव की तरफ से भेजा एक ईमेल वायरल हुआ था, जिसमें संस्थान के डीन से जेएनयू के शिक्षकों को भर्ती करने की सलाह दी गई थी।

जेएनयू की बिगड़ती स्थिति के कारण वहां के शिक्षकों को भर्ती करने से आईआईटी दिल्ली का इनकार
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली ने शनिवार को इस बात से इनकार किया कि उसने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के शिक्षकों को भर्ती करने के लिए उनसे संपर्क किया है। गौरतलब है कि विरोध प्रदर्शनों के चलते जेएनयू में स्थिति लगातार खराब हो रही है। इस हफ्ते कथित रूप से आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी रामगोपाल राव की तरफ से भेजा एक ईमेल वायरल हुआ था, जिसमें संस्थान के डीन से जेएनयू के शिक्षकों को भर्ती करने की सलाह दी गई थी।
राव ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘‘ऐसी खबर चल रही है कि आईआईटी दिल्ली जेएनयू के शिक्षकों की भर्ती करना चाहता है। यह कथन एक ई-मेल पर आधारित है, जिसे कथित रूप से मैंने विभागाध्यक्षों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भेजा है।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘कोई भी समझदार व्यक्ति जानता है कि जेएनयू और आईआईटी दिल्ली के शोध में बहुत कम समानता है। ऐसे में आईआईटी द्वारा जेएनयू के शिक्षकों की भर्ती की खबर सच्चाई से बहुत दूर है और तथ्यों को गलत तरीके से देखने की प्रवृत्ति है।’’
राव द्वारा कथित रूप से 19 दिसंबर को भेजे गए ईमेल में लिखा गया है, ‘‘जेएनयू के वरिष्ठ शिक्षकों ने विश्वविद्यालय में खराब होती स्थिति के मद्देनजर आईआईटी दिल्ली से जुड़ने की इच्छा जताई है।” इस ईमेल में कहा गया है, “यह शर्मनाक होगा, अगर हम बेहतर प्रतिभाओं को किसी कारण या केवल पूर्वाग्रह की वजह से खो दें।’’ आईआईटी दिल्ली ने कथित ई-मेल का खंडन करने के लिए शनिवार को आधिकारिक बयान भी जारी किया।
बयान में कहा गया, ‘‘यह स्पष्ट किया जाता है कि आईआईटी दिल्ली ने देश के ‘किसी खास’ शिक्षण संस्थान के शिक्षकों से कभी नहीं संपर्क किया। सभी पदों पर भर्ती की प्रक्रिया सार्वजनिक विज्ञापन प्रक्रिया के जरिये होती है।