पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) पेपर लीक मामले की जांच अभी भी जारी है और ईओयू ने कुछ और लोगों को हिरासत में लिया है।
वहीं जांच के घेरे में एक आईएएस अधिकारी भी आए हैं, जिन्होंने परीक्षा शुरू होने के पहले ही वायरल पेपर बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक के फोन पर भेजा था।
उन्होंने उस वायरल पेपर को फॉरवर्ड किया था। सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को एसआईटी ने आईएएस अधिकारी रंजीत कुमार सिंह से इस मामले में घंटों पूछताछ करके जानकारी ली है।
बताया जाता है कि आईएएस अधिकारी रंजीत कुमार सिंह के मोबाइल फोन नंबर और बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक का मोबाइल नंबर दर्ज की गई प्राथमिकी में है और इसी लिहाज से उनसे पूछताछ की गई है।
हालांकि आईएएस अधिकारी रंजीत कुमार सिंह ने आर्थिक अपराध इकाई के ऑफिस जाने की बात से इनकार किया है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि आईएएस अधिकारी शुक्रवार की शाम तकरीबन 5:30 बजे आर्थिक अपराध इकाई के ऑफिस पहुंचे थे और तकरीबन डेढ घंटे तक वहां मौजूद रहे।
सूत्रों के अनुसार ईओयू के एडीजी ईओयू नयैर हसनैन खां की मौजूदगी में एसआईटी द्वारा की गई पूछताछ के दौरान वायरल प्रश्न-पत्र को लेकर कई सवाल दागे गए। कुछ का तो उन्होंने जवाब बड़े आराम से दे दिया पर कई सवालों में वो फंसते हुए नजर आए। बताया जा रहा है कि पेपर लीक मामले में एसआईटी को उनसे कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।
ईओयू के सूत्रों के मुताबिक संबंधित व्यक्ति से लगातार जानकारी ली जा रही है और वह संदेह के दायरे में है। वायरल प्रश्न पत्र को लेकर आईपीएस अधिकारी के व्हाट्सएप ग्रुप में भेजने वाले व्यक्ति से भी एसआईटी पूछताछ कर रही है।
सूत्रों की मानें तो बीपीएससी पीटी के पेपर लीक मामले की जांच आगे बढ़ने के साथ इसके पीछे बडे़ नेटवर्क का हाथ होने की बात सामने आ रही है। अब तक की तहकीकात में कई ऐसे नाम सामने आए हैं, जिस पर पेपर लीक में शामिल होने का अंदेशा है। इसमें कुछ से पूछताछ की जा रही है।
वहीं कइयों की तलाश में एसआईटी की छापेमारी जारी है। बताया जाता है कि इन संदिग्धों के हाथ आने पर पेपर लीक को लेकर अहम जानकारी मिल सकती है, साथ ही इसके किंगपिन तक पहुंचना आसान होगा। संदिग्धों की धर-पकड़ के लिए पटना के अलावा अन्य जिलों में भी एसआईटी की कार्रवाई जारी है। जांच के दौरान टीम को कई अहम सुराग मिले हैं, जिसकी जांच चल रही है।
इसी घटनाक्रम में दूसरी ओर ईओयू आरा के परीक्षा केंद्र वीर कुंवर सिंह कॉलेज से जुड़े कुछ अहम तथ्यों की भी पड़ताल करने में जुटा हुआ है। मसलन, जितने छात्रों के नाम कमरों में सीटों पर बैठने के लिए चस्पा किये गये थे, क्या वास्तव में सभी छात्र अपने-अपने स्थानों पर बैठे थे या नहीं? इसका क्रॉस वेरीफिकेशन करने में समस्या आ रही है, क्योंकि इस सेंटर पर कोई सीसीटीवी नहीं है।
इसके साथ ही इस मामले में अब आरा के एक और कॉलेज की भूमिका संदिग्ध पाई जा रही है। बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के पर्चा लीक के मामले में शहर के महाराजा कॉलेज भी डीजीपी द्वारा गठित एसआइटी की जांच के जद में आ गया है। इसको लेकर पुलिस द्वारा शुक्रवार को कॉलेज पहुंच कर कॉलेज में लगे सीसीटीवी को खंगाला गया।
सूत्रों के अनुसार शिक्षा विभाग के एक अधिकारी द्वारा कुंवर सिंह कॉलेज में परीक्षा के दौरान दो कर्मियों को परीक्षा में ड्यूटी देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था, लेकिन महाराजा कॉलेज के केंद्राधीक्षक द्वारा कॉलेज में क्षमता से अधिक कर्मचारी रहने के कारण परीक्षा ड्यूटी देने से इन्कार कर दिया गया।
वहीं, महाराजा कॉलेज में परीक्षा के दौरान एक छात्रा दूसरे जगह बैठकर परीक्षा दे रही थी। जांच के क्रम में कॉलेज प्रबंधन द्वारा संज्ञान लिये जाने पर उस छात्रा की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है।